क्योंकि ये मामा कोई और नहीं बल्कि बड़े पापा का सगा brother in law था। जो वर्षों से भांजी पर बुरी नजर रखता था। आनन-फानन में पुलिस को सूचना दी गई। सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने मामला पंजीबद्धकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
ऑटो से घर पहुंचाने का आश्वासन बताया गया कि मड़वास पुलिस चौकी अंतर्गत निवासी एक नाबालिग लड़की बस में सवार होकर अपने घर जा रही थी। रास्ते में मामा शिवरतन यादव निवासी सतनरा पवाई डोल गांव में नाबालिक को बस से उतारकर ऑटो से घर पहुंचाने का आश्वासन दिया। जिससे वह बस से उतर गई। शिवरतन यादव उसे ऑटो में बिठाकर नाबालिक के गांव डोल न ले जाकर खाम्ह के रास्ते चल पड़ा। इस दौरान पीडि़ता ने विरोध भी किया लेकिन मामा एक नहीं माना। फिर दूर ले जाकर रास्ते में सून-सान स्थान पर दुष्कृत्य कर दिया।
काफी खोजबीन के बाद मिली सफलता
जब नाबालिक लड़की घर नहीं पहुंची तो परिजनों ने तलाश शुरू की। बस के रास्तों में पूछताछ की तो कहानी कुछ और ही सामने आई। क्योंकि जिस रास्ते से घर लौटना चाहिए उस रास्ते में न जाकर दूसरे रास्ते से आरोपी ले गया। बाद में काफी खोजबीन के बाद खाम्ह गांव में पाया गया। पीडि़ता ने परिजनों को घटना की आपबीती बताई तो सबके पैरों तले से जमीन खिसक गई।
आरोपी को भेजा जेल
परिजन पीडि़ता को साथ लेकर पुलिस चौकी मड़वास पहुंचे, जहां पुलिस ने पीडि़ता के बयान के आधार पर आरोपी शिवरतन यादव के खिलाफ भादवि की धारा ३६३, ३६६, ३७६ व लैंगिक अपराधों से बालको के संरक्षण अधिनियम २०१२ की धारा ३/४ के तहत मामला पंजीवद्ध किया गया। वहीं आरोपी को भी गिरफ्तार कर न्यायालय प्रस्तुत किया गया जहां से उसे जेल भेज दिया गया।