यह कांग्रेस की परम्परागत सीट रही है। 2013 में कांग्रेस से नारायण त्रिपाठी विधायक चुने गए। बाद में बगावत कर भाजपा में शामिल हुए और उपचुनाव जीत पुन: विधायक बने। दोनों पार्टियों के लिए ये सीट प्रतिष्ठा का सवाल है। कांग्रेस अपनी सीट वापस लेने के लिए दमखम से मैदान में है, तो भाजपा सीट को बचाने जोर-जुगत लगा रही है।
– भाजपा नारायण त्रिपाठी 82,658
– कांग्रेस मनीष पटेल 54,377 – ये हैं चार मुद्दे
मिनी स्मार्ट सिटी का वादा, रविदास मंदिर का निर्माण, स्थानीय विकास, बेरोजगारी मजबूत दावेदार भाजपा
– मोती लाल तिवारी – पूर्व विधायक, क्षेत्र में सक्रिय हैं।
– रमेश पांडेय- पूर्व प्रत्याशी, मैहर मंदिर पुजारी परिवार से जुड़े
– श्रीकांत चतुर्वेदी – वरिष्ठ कांग्रेस नेता
– धर्मेश घई- मैहर नगर पालिका अध्यक्ष
– मनीष पटेल – उपचुनाव में प्रत्याशी रहे, जातिगत समीकरण ये भी ठोक रहे ताल
– पुष्पेंद्र सिंह चंदेल – आम आदमी पार्टी के घोषित प्रत्याशी
– रबिंदु पटेल – 2003 में लड़ चुके।
– कोदू लाल पटेल – रिटायर्ड शिक्षक, क्षेत्र में सक्रिय हैं।
– ब्राह्मण, पटेल, कुशवाहा मतदाता ज्यादा हैं। वे चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। इसके अलावा मुस्लिम व अन्य पिछड़ा वर्ग का असर रहता है । चुनौतियां
– अधूरे वादे और असंतोष बड़ा मुद्दा है।
– बड़े नेताओं का अभाव, संगठन को एक करना चुनौती। गुटबाजी पर नियंत्रण नहीं।
विकास के नाम पर मिनी स्मार्ट सिटी सहित कई वादे किए गए। जो अधूरे हैं, अब आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। बेरोजगारी, मिनी स्मार्ट सिटी, बेरोजगारी सड़क, बिजली समस्या है। कोई सुनने वाला नहीं है।
– महेंद्र वर्मा, व्यापारी