सतना

प्याज पर छिड़ी रार, सतना में 100 के पार

एक ट्रक में 50 हजार का मुनाफा कमा रहे प्याज व्यापारी, मनमानी बढ़ा रहे कीमतें
जनता बेहाल, आम आदमी के लिए 100 रुपए से ऊपर पहुंची प्याज
सरकारी नियंत्रण से बाहर है जिले में सब्जी का बड़ा कारोबार
अवैध मंडी से हो रहे संचालन पर कोई सरकारी लगाम नहीं

सतनाNov 26, 2019 / 01:04 am

Ramashankar Sharma

Onion crosses 100 in Satna, profiteering increases prices

सतना. प्रदेश सरकार के तमाम दावों और प्रयासों के विपरीत जिले में प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं। हालात यह है कि आम आदमी की पहुंच से बाहर हो चुकी प्याज सतना में फुटकर कारोबारियों के यहां 110 रुपए प्रति किलो बिक रही है। शहर में सरकारी नियंत्रण से बाहर डिलौरा स्थित निजी सब्जी मंडी में व्यापारियों की मनमानी के कारण प्याज की दरों पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। कमजोर आवक और ज्यादा मांग का फायदा उठाते हुए प्याज कारोबारी इन दिनों एक ट्रक में 50 हजार रुपए तक का मुनाफा कमा रहे हैं जबकि सामान्य स्थिति में यह मुनाफा 10 से 15 हजार रुपए प्रति ट्रक रहता है। हालांकि सोमवार को कलेक्टर ने प्याज की कालाबाजारी रोकने तीन दल गठित कर अलग-अलग स्थानों पर दबिश दिलवाई, लेकिन कहीं भी प्याज का भंडारण नहीं पाया गया। आम आदमी की पहुंच से बाहर होती जा रही प्याज का मामला ‘पत्रिका’ लगातार प्रमुखता से उठा रहा है।
मुनाफाखोरी में जुटे व्यापारी

जानकारों का कहना है कि सतना में अवैध सब्जी मंडी के संचालन की कीमत अब जनता को चुकानी पड़ रही है। मंडी के नियंत्रण से बाहर चल रही डिलौरा में अवैध सब्जी मंडी पर किसी भी तरह का सरकारी नियंत्रण नहीं होने से न केवल यहां के व्यापारी प्याज की मनमानी मुनाफाखोरी में जुटे हैं, बल्कि बल्कि मंडी शुल्क की भी चोरी कर रहे हैं। बिना सरकारी निगरानी के हो रहे इस कारोबार पर प्रशासन भी चुप्पी साधे बैठा है। आज तक यहां की आवक और बिक्री के लिए एक भी अधिकारी कर्मचारी निगरानी के लिए नहीं बैठाया जा सका है। जबकि 95 फीसदी सब्जी और प्याज का कारोबार इसी अवैध मंडी से हो रहा है। नतीजा यह हो रहा है कि प्याज की मनमानी बोली के कारण कीमतों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी हो रही है।
अक्टूबर में चेतावनी फिर भी चुप्पी
प्याज की बढ़ती दरों को लेकर न केवल प्रदेश सरकार चिंतित रही है बल्कि केन्द्र सरकार भी इस पर पैनी नजर बनाए हुए थी। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 5 अक्टूबर को केन्द्र सरकार को सतना जिले से एक शिकायत केन्द्र को प्याज के अवैध भंडारण की मिली थी। इसे गंभीरता से लेते हुए प्रदेश शासन को सूचित किया गया। 5 अक्टूबर को संचालनालय उद्यान विभाग ने उप संचालक उद्यान सतना को इसका पत्र भेजते हुए जांच और कार्रवाई के निर्देश दिए गये। केन्द्र सरकार से बताया गया था कि ट्रेडर्स महेश के यहां कृषि उपज मंडी परिक्षेत्र में 320 टन प्याज का अनावश्यक व अनाधिकृत भंडारण है, लेकिन यह पत्र उप संचालक के यहां दबाकर रख लिया गया। अब जब मामला गरमाया तो उप संचालक कार्यालय से 25 नवंबर आनन फानन में पत्र जारी करते हुए वरि उ.वि. अधिकारी सोहावल को जांच के निर्देश दिए। मामले में जानकारों का कहना है कि यह शिकायत महेश कुशवाहा की थी, जिसके द्वारा व्यापक पैमाने पर प्याज का भंडारण किया गया था, लेकिन अचानक ही उसने पूरी प्याज खुर्द बुर्द कर दी। सवाल यह खड़ा हो रहा है कि जब प्याज के रेट बढ़ रहे थे उसी वक्त अगर यहां जांच कर ली गई होती तो प्याज का बड़ा खेल सामने आ जाता। अब जब पूरा मामला रफा दफा कर लिया गया तो जांच की नौटंकी शुरू कर दी गई है।
दो दिन में 1600 क्विंटल प्याज आई लेकिन लापता

प्याज कारोबार से जुड़े जानकारों ने बताया कि दो दिनों में सतना में 8 ट्रक (लगभग 1600 क्विंटल) प्याज बाहर से आई है लेकिन गई कहां किसी को पता नहीं है। माना जा रहा है कि प्याज की कालाबाजारी मुनाफाखोरी के लिए इसे कही अन्यत्र स्टाक कर लिया गया है और इसे धीरे धीरे निकाला जाएगा। यह भी बताया जा रहा है कि सामान्य दिनों में बाहर से आने वाली प्याज पर एक ट्रक में 10 से 15 हजार का मुनाफा व्यापारी कमाता था। लेकिन इन दिनों हालात का फायदा उठाते हुए 50 हजार रुपए तक का मुनाफा कमाया जा रहा है। बताया गया है कि कभी भी अवैध मंडी में आवक के दस्तावेजों की जांच नहीं होती है लिहाजा यहां के व्यापारी खरीद रेट से मनमानी दरें तय कर लेते हैं। यह स्थिति तब है जब प्याज की दरों को नियंत्रित करने के लिए राज्य शासन ने अलग से अधिनियम लागू किया हुआ है और 30 नवंबर तक प्याज की आवक, स्टाक, विक्रय पर सघन निगरानी के निर्देश हैं।
भाजपा ने कांग्रेस पर फोड़ा ठीकरा
प्याज की बढ़ी दरों पर भाजपा ने कांग्रेस पर ठीकरा फोड़ा है। जिलाध्यक्ष भाजपा ने कहा कि कांग्रेस गरीबों का राग बस अलापती है लेकिन उनसे कोई लेना देना नहीं है। गरीब की प्याज रोटी भी उनसे छीन ली गई है। प्याज नियंत्रण के सरकार के दावे खोखले हैं। सतना में कुछ कांग्रेसियों को लाभ पहुंचाने के लिए प्याज और मंडी के मामले में प्रशासन चुप्पी साधे बैठा है। यही वजह है कि यहां प्याज के दाम आसमान पर है। बढ़े दामों से आम जनता चिल्ला रही है लेकिन कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।
कांग्रेस ने कहा-कालाबाजारी है वजह

इस मामले में कांग्रेस प्रवक्ता अतुल सिंह परिहार ने कहा कि निश्चित तौर पर सतना में प्याज के रेट बेतहाशा बढ़े हुए हैं। इसके पीछे की वजह कालाबाजारी है। कुछ मुनाफाखोरों के कारण यह स्थिति है। जिला प्रशासन को इस मामले में गंभीरता बरतनी चाहिए। मुख्यमंत्री प्याज की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए स्पष्ट निर्देश दे चुके हैं। इसके बाद भी दरें बढ़ना प्रशासन की नाकामी है। यह जानकारी सीएम के संज्ञान में लाई जाएगी।
तीन टीमों ने दी प्याज कारोबारियों के यहां दबिश
कलेक्टर के निर्देश पर शहर में छापामारी के लिए तीन टीमें गठित की गई। हालांकि 25 तारीख को मंडी कारोबार बंद रहने से कोई उल्लेखनीय सफलता नहीं मिल सकी। पुरानी गल्ला मंडी स्थित प्याज व्यापारियों की जांच जिला आपूर्ति अधिकारी पीएल राय के नेतृत्व में फर्म राजकुमार संतराम दास, महेश ट्रेडर्स, श्री ट्रेडर्स के यहां दबिश दी गई, लेकिन कहीं अधिक भंडारण नहीं मिला। इसी तरह से नायब तहसीलदार अनुराधा मिश्रा के नेतृत्व में पप्पू आलू कंपनी, मुकेश एंड ब्रदर्स, राजकुमार संतरामदास, महेश कुमार राजेन्द्र कुमार, सुनील ट्रेडर्स और लोकचंद्र शंकरलाल के यहां जांच की गई। यहां भी सब कुछ ठीक पाया गया।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.