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सतना

परसमनिया के पांच गांवों में फेल्सीफेरम का प्रकोप, दो दिन में 12 पीड़ित मिले

खतरनाक हो रहा मलेरिया: प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बीते दो दिन में एक दर्जन से अधिक पीडि़त सामने आ चुके हैं।

सतनाJul 22, 2018 / 12:39 pm

suresh mishra

Parasmaniya 5 Village Malaria ka prakop

Parasmaniya 5 Village Malaria ka prakop

सतना। परसमनिया के आधा दर्जन से अधिक गांवों में खतरनाक फेल्सीफेरम मलेरिया का प्रकोप फैल गया है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बीते दो दिन में एक दर्जन से अधिक पीडि़त सामने आ चुके हैं। लेकिन, मलेरिया विभाग द्वारा रोकथाम के लिए कोई खास प्रयास नहीं किए जा रहे। जिले में न तो मलेरिया के मच्छर को खाने वाली गंबूसिया मछली हैं और न ही स्प्रे के लिए दवाइयां। प्रबंध के नाम पर केवल जांच की सुविधा है। मच्छरों पर नियंत्रण के लिए सुविधाएं नाकाफी हैं। इस कारण मलेरिया पीडि़तों की संख्या में तेजी से बढ़ती जा रही है।
इंडोर रेसिड्यूल स्प्रे नहीं
पीडि़तों की संख्या तेजी से बढऩे की मुख्य वजह इंडोर रेसिड्यूल स्प्रे न होना है। यह जिले में शासन की तरफ से नहीं कराया जा रहा है। दरअसल, वार्षिक पैरासाइट इंसीडेंट जिले में औसतन एक हजार में एक से भी कम होने के कारण यह मानक में नहीं आ रहा। इस दवा का स्प्रे 5 से अधिक मरीज होने पर होता है। फेल्सीफेरम से निपटने के लिए विभाग एमआइ, लैब टैक्नीशियन, एएनएम, आशा व एमपीडब्ल्यू के माध्यम से सीमित है।
ये गांव प्रभावित
बताया गया, परसमनिया अंतर्गत खान ताला, खानखुर्द, बिचवा, कुल्हडि़या, कारीमाटी गांवों में बड़ी संख्या में लोग बुखार से पीडि़त हैं। पहले तो पीडि़तों ने घरेलू उपचार कराया। आराम नहीं मिलने पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परसमनिया पहुंचे। वहां पीडि़तों के रक्त की जांच की गई। रिपोर्ट में फेल्सीफेरम मलेरिया के लक्षण मिले। इसकी जानकारी मिलते ही हाथ पर हाथ धरे बैठे मलेरिया महकमे के हाथ-पांव फूल गए। सेक्टर ऑफिसर डॉ प्रशांत यादव ने बताया कि सूचना मिलने पर सुपरवाइजर के नेतृत्व में टीम गांव भेजी गई थी। जांच में कुछ ही लोग मलेरिया से पीडि़त सामने आए। सभी को दवाइयां और परामर्श दिया गया है।
सीएचसी-पीएचसीमें नहीं दवा
बेक्टरजनित रोग नियंत्रण के दावों की हकीकत यह है कि सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में फेल्सीफेरम मलेरिया की दवा तक उपलब्ध नहीं है। सेक्टर अधिकारी और बीएमओ द्वारा पीडि़तों के सामने आने के बाद सीएमएचओ स्टोर को दवा की डिमांड भेजी गई है। सेक्टर ऑफिसर सहित अन्य बीमारी नियंत्रण की बजाय मामले को दबाने में जुटे हैं।
मुझे किसी प्रकार की जानकारी नहीं दी गई है। सूचना मिलने पर मलेरिया निरीक्षक से संपर्क करने का प्रयास किया पर उनका मोबाइल नहीं लग रहा है। पीडि़तों की संख्या अधिक है तो नियंत्रण के सभी प्रयास किए जाएंगे। मैं तत्काल मामले की जानकारी लेता हूं।
डॉ. पीसी नोतवानी, जिला मलेरिया अधिकारी

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