इस क्षेत्र के विकास की जो अधारशिला रखी गई है। इसके लिए जो बुनियाद रखी गई है। शहर विकास के लिए जो चित्र बनाए गए हैं। उसमें रंग भरने का अवसर मुझे चाहिए। इसी विश्वास के साथ जनता के बीच जाकर उनका आशीर्वाद मांग रहा हूं।
मेरा मुकाबला क्षेत्र की गरीबी, बेरोजगारी, आम आदमी की सुविधा की लड़ाई और प्यास से हैं। अगर, राजनीतिक रूप से पार्टी या प्रत्याशी से मुकाबले की बात है, तो मेरा मुकाबला किसी से नहीं है।
मेरा वोट प्रतिशत कभी नहीं घटा है। वर्ष 2008 में परिसीमन हुआ था, जिससे थोड़ा बहुत इधर-उधर हुआ। पहले सतना विस क्षेत्र बिरसिंहपुर व सेमरिया के बॉर्डर तक होती थी। अब नगरीय सीमा के साथ-साथ 20 ग्राम पंचायतें हैं। राजनीति में कहा जाता है कि पहला चुनाव कोई भी जीत लेता है, पर दूसरे में मुश्किल होती है। तीसरे थोड़ी ठीक होता है, चौथा चुनाव जनता के आशीर्वाद पर ही निर्भर करता है। इस क्षेत्र में रणनीतिकार पूरा चुनाव जाति पर तय करते हैं। मैंने कार्यकर्ता के नाते इस मिथक को तोडऩे का प्रयास हमेशा किया। कांग्रेस ने प्रयास किया कि जाति से जाति को लड़ा दो, ताकि मुझे नुकसान हो। लेकिन, मैं जाति नहीं, मुद्दों के आधार पर चुनाव लड़ता रहा हूं।
राजनीति से जाति हटाने में जनता ही अपनी भूमिका अदा करेगी। लोकतंत्र में 1970, 1975 या फिर अटलजी का कार्यकाल देख लीजिए। पार्टियां अपने प्रस्ताव और एजेंडे के बल पर चुनाव लड़ती हैं। लेकिन, राजनीति में क्या चलेगा, जनता तय करती है। इसलिए जाति की राजनीति को भी जनता हटाएगी।
मैं इस सवाल का इंतजार कर रहा था, धूल-धक्कड़ को इतना बड़ा मुद्दा बना दिया गया कि 40 करोड़ के फ्लाइओवर का महत्व नहीं रहा। 200 करोड़ रुपए पानी के लिए खर्च किए गए। हमें समझना होगा कि 25 साल पहले सतना में न तो पानी था, न ही जल स्तर था। कुलगढ़ी बांध से सतना के लिए पानी आता था। उस गांव के लोग लाठी लेकर खड़े हो गए थे। हमारी सरकार ने बाणसागर का काम पूरा किया। 50 साल तक सतना को पानी घटने वाला नहीं है। इसके लिए सतना के 300 गांव डूबे थे, अब इससे पूरे विंध्य को लाभ मिल रहा है। धूल-धक्कड़ हमारी भी पीड़ा है। विकास के लिए कुछ सहना पड़ता है। हम घर की पुताई करते हैं, तो दो सप्ताह तक परेशान रहते हैं। दो कमरे बनावते हैं, तो दो माह परेशान होना पड़ता है। सतना के विकास कार्य के साथ भी कुछ ऐसी ही स्थिति है। पर हम अपने कामों को जनता तक पहुंचाने में सफल होंगे।
(सवाल काटकर) आपको जो पूछना है, पूछ लो, मैं लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का हर जवाब दूंगा पर कांग्रेस पूछने की स्थिति में नहीं है। वे 2003 के पहले का जवाब दें। उनके समय प्रदेश में 8.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होती थी, हमने 40 लाख हेक्टेयर की। हमसे एक चूक हुई कि किसानों को उचित मूल्य नहीं दिला पाए, कांग्रेसियों ने इस बात का शिगूफा ही बना दिया।
मैं जनता का चौकीदार हूं। हर सवाल का जवाब ढूढ़ता हूं। शहर विकास के लिए हम सभी ने प्रयास किया है। शहर में सीवर का काम जारी है। अब ओपन नालियां नहीं रहेंगी। हाल ही में निगमायुक्त ने ठेका कंपनी पर तीन करोड़ की पैनाल्टी लगाई थी, वो भी इसलिए काम में देरी चल रही थी। हर प्रोजेक्ट को समय पर पूरा कराएंगे।
गांधीजी की उम्र क्या थी, जब वे डंडे लिए हुए अंग्रेजों से लड़ रह थे। जयप्रकाश नारायण की उम्र क्या थी, डायलिसिस में रहते हुए राज नारायण ने इंदिरा गांधी को 60 हजार वोट से हराया। राजनेता में जोश होना चाहिए और साथ में होश। स्पीड से चलने वाली गाडिय़ां कितनी भी हों, बिना ब्रेक मृत्यु कारण बनती हैं। हमारी पार्टी कैडरबेस पार्टी है, सभी की जिम्मेदारियों का संचालन तय होता है। मेरा रिटायरमेंट दो लोग तय करेंगे। धरती पर संगठन (भाजपा), या फिर ऊपर भगवान।
1. जितने भी बड़े प्रोजेक्ट हैं, उन्हें समय पर पूरा कराना।
2. मेडिकल कॉलेज का काम जल्द से जल्द शुरू कराना।
3. स्मार्ट सिटी का काम जल्द पूरा करना। इससे सतना की पहचान प्रदेश के 8 शहरों व देश के 100 शहरों में होगी।
4. व्यापार को बढ़ावा देना। मेडिकल कॉलेज व स्मार्ट सिटी से यह संभव है।
5. रोजगार बढ़ाने के संसाधनों को विकसित करने का प्रयास होगा।