बेनतीजा अभियान अवधि पार हो चुके ऋण की वसूली के लिए बैंक द्वारा ऋणी किसानों से सम्पर्क किया जा रहा है, वहीं 15 सितम्बर से बैंक ने ऋण वसूली अभियान भी शुरू किया है। वर्तमान में किसानों की रबी फसल खेतों में खड़ी है। कई किसान फसल कटाई की तैयारी कर रहे हैं। इस समय किसानों की जेब में रुपए नहीं हैं। एेसे में वे बकाया ऋण जमा कराने में पीछे हट रहे हैं।
340 में 212 करोड़ की वसूली बैंक ने पिछले वर्ष जिले के 50 हजार किसानों को 340 करोड़ के ऋण बांटे थे। इसमें से 30 जून तक किसानों 212 करोड़ रुपए जमा कराए। अभी भी किसानों पर 128 करोड़ रुपए बकाया हैं। इस साल भी किसान सहकारी समितियों व बैंकों में अल्प अवधि ऋण के लिए चक्कर काट रहे हैं, लेकिन बैंक द्वारा पुराना बकाया ऋण जमा कराने के बाद ही दोबारा ऋण जारी करने की बात कही जा रही है।
इस साल बैंक ने घटाया ऋण लक्ष्य इस साल नाबार्ड द्वारा पूरा बजट नहीं मिलने से बैंक ने किसानों को ऋण वितरण का लक्ष्य घटा दिया। बैंक सूत्रों ने बताया कि गत वर्ष तक बैंक को जितने भी ऋण वितरण का लक्ष्य आवंटित होता था। उसमें 50 फीसदी नाबार्ड द्वारा बजट दिया जाता था। इस साल नाबार्ड ने 40 फीसदी ही बजट जारी करने की घोषणा की है। एेसे में राज्य सरकार द्वारा भी गत वर्ष के लक्ष्य का 40 फीसदी ही बजट आवंटित किया है। एेसे में इस साल कोटा जिले में 313 करोड़ के ऋण वितरण का लक्ष्य आवंटित हुआ है, जबकि गत वर्ष किसानों को 340 करोड़ का ऋण दिया था।
128 करोड़ का अल्प अवधि ऋण बाकी जिले के किसानों पर 128 करोड़ का अल्प अवधि ऋण बाकी है। इस ऋण की वसूली के लिए 15 सितम्बर से अभियान चलाया है। किसानों से ऋण वसूली के लिए सम्पर्क किया जा रहा है।
इंद्र सिंह, प्रबंध निदेशक, सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक, कोटा