जिस रफ्तार से कीमत बढ़ रही है, आशंका है कि कीमत तीन डिजिट में पहुंच सकती है। एेसे में पंप पर इन मशीनों से बिक्री बंद करनी होगी। इससे बचने लिए पंप के सॉफ्टवेयर में परिवर्तन करना होगा। कई पंप में रेट प्रदर्शित करने वाली स्क्रीन भी बदलनी होंगी। यही कारण है कि बढ़ता रेट पंप संचालकों की चिंता बढ़ा रही है। ये आंकड़ा जैसे ही 100 रुपए पहुंचेगा। पंपों की मशीनों को रीसेट करना होगा।
नोटबंदी जैसे हालात
नोटबंदी के दौरान अधिकतर एटीएम ठप पड़ गए थे। क्योंकि नई नोट के साइज के अनुरूप एटीएम में जगह नहीं थी, लिहाजा उनमें परिवर्तन करना पड़ा। उसके बाद ही व्यवस्था पटरी पर आई थी। लगभग ऐसी ही स्थिति पेट्रोल पंप के साथ भी होगी। इसलिए पंप मालिकों की चिंता अभी से बढ़ गई, इसलिए वो मशीन में जरूरी बदलाव और सॉफ्टवेयर अपडेट करने के तरीके के बारे में पूछताछ कर रहे हैं।
नोटबंदी के दौरान अधिकतर एटीएम ठप पड़ गए थे। क्योंकि नई नोट के साइज के अनुरूप एटीएम में जगह नहीं थी, लिहाजा उनमें परिवर्तन करना पड़ा। उसके बाद ही व्यवस्था पटरी पर आई थी। लगभग ऐसी ही स्थिति पेट्रोल पंप के साथ भी होगी। इसलिए पंप मालिकों की चिंता अभी से बढ़ गई, इसलिए वो मशीन में जरूरी बदलाव और सॉफ्टवेयर अपडेट करने के तरीके के बारे में पूछताछ कर रहे हैं।
दूरदराज में अब भी ऐसे पंप
इस व्यवस्था से जिले के करीब 15 फीसदी पंप प्रभावित होंगे। बताया जा रहा है कि नए स्थापित पंप में पहले से तीन डिजिट के अनुसार साफ्टवेयर इंस्टॉल है। कुछ पंपों में 2-5 साल के दौरान बदलने गए हैं। लेकिन, इसके बावजूद भी अब भी 15 फीसदी से ज्यादा पंप ऐसे हैं, जो पुराने सॉफ्टवेयर के हिसाब से चल रहे हैं। दूरदराज और ग्रामीण इलाकों में तो करीब करीब एेसी ही मशीन हैं, जिन्हें अपडेट करना होगा।
इस व्यवस्था से जिले के करीब 15 फीसदी पंप प्रभावित होंगे। बताया जा रहा है कि नए स्थापित पंप में पहले से तीन डिजिट के अनुसार साफ्टवेयर इंस्टॉल है। कुछ पंपों में 2-5 साल के दौरान बदलने गए हैं। लेकिन, इसके बावजूद भी अब भी 15 फीसदी से ज्यादा पंप ऐसे हैं, जो पुराने सॉफ्टवेयर के हिसाब से चल रहे हैं। दूरदराज और ग्रामीण इलाकों में तो करीब करीब एेसी ही मशीन हैं, जिन्हें अपडेट करना होगा।
बदलाव की कवायद
अधिकतर पेट्रोलियम कंपनियों ने कवायद शुरू की है। वे सॉफ्टवेयर में बदलाव कर रही हैं। ताकि व्यवस्था बेपटरी न हो। इसके लिए संबंधित पेट्रोल पंपों पर इंजीनियर भी भेजे जा रहे हैं।
अधिकतर पेट्रोलियम कंपनियों ने कवायद शुरू की है। वे सॉफ्टवेयर में बदलाव कर रही हैं। ताकि व्यवस्था बेपटरी न हो। इसके लिए संबंधित पेट्रोल पंपों पर इंजीनियर भी भेजे जा रहे हैं।
शहरी क्षेत्र के अधिकतर पेट्रोल पंप अपडेट हैं। ग्रामीण क्षेत्र में 10-15 फीसदी पंपों को अपडेट करना होगा। बहुत ज्यादा असर देखने को नहीं मिलेगा।
मनीष बिचपुरिया, पेट्रोल पंप संचालक
मनीष बिचपुरिया, पेट्रोल पंप संचालक