प्रमुख सचिव राव ने कहा कि उचित मूल्य दुकानों से प्रदाय किए जाने वाले राशन के बारे में उपभोक्ताओं को जागरुक करें कि उन्हें उचित मूल्य दुकानों से क्या-क्या सामग्री प्राप्त होगी। उन्होंने प्रत्येक ग्राम पंचायत में शत-प्रतिशत आधार सीडिंग कराने के निर्देश दिए। पाया गया कि पात्र परिवारों की आधार सीडिंग में रीवा संभाग में सतना सबसे कम 86 फीसदी है। रीवा की 87 व सीधी सिंगरौली की 88 फीसदी मिली। पात्र हितग्राहियों की आधार सीडिंग में सबसे कमजोर स्थिति सिंगरौली की 69 फीसदी सबसे कम रही। शेष रीवा, सतना और सीधी की 71 फीसदी रही। उन्होंने कहा कि पात्र व्यक्तियों को पीडीएस दायरे में लाना सुनिश्चित किया जाए। साथ ही कहा कि जितने अपात्र नाम कटेंगे उतने ही पात्र जुड़ सकेंगे। अलग से नाम जुडऩे की सुविधा अभी नहीं है। इसलिये अपात्रों के नाम हटाने की कार्यवाही तेजी से की जाए।
प्रमुख सचिव ने गेहूं खरीदी के दौरान होने वाले विवादों की ओर भी दोनों संभागों के कलेक्टरों का ध्यान आकृष्ट कराया। कहा कि इस दौरान कानून व्यवस्था की स्थिति न बने इसका ध्यान रखे। इसके लिए खरीदी केन्द्रों में आवश्यक व्यवस्थाएं तैयार करने कहा। बताया गया कि खरीदी केन्द्र में पार्किंग के लिए पर्याप्त स्थल रखा जाए और 10 से 15 ट्रालियों के लिये चूने की मार्किंग करने के साथ ही यहां मार्गदर्शक की व्यवस्था की जाए। यहां फैसिलिटेशन काउन्टर स्थापित करने के निर्देश दिए गए। स्पष्ट निर्देश दिए गए कि उपज की खरीदी में क्वालिटी से समझौता नहीं किया जाए। उपज एफएक्यू (फाइन एवरेज क्वालिटी) की ही खरीदी जाए।
प्रमुख सचिव ने कहा कि समिति प्रबंधकों एवं उर्पाजन से जुड़े नोडल अधिकारियों, क्वालिटी कन्ट्रोलरों, डेटा इन्ट्री ऑपरेटरों एवं समिति के लेखापालों को आवश्यक प्रशिक्षण दिलवाने के कलेक्टरों को निर्देश दिए। एक जिला स्तरीय कन्ट्रोल रूम एवं टेक्नीकल कन्ट्रोल रूम स्थापित करने कहा।
बैठक में संभागायुक्त डॉ अशोक भार्गव ने कहा कि अगर पात्रता पर्ची में किसी व्यक्ति का नाम गलत आ जाए, तो उसके विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए और इस कार्रवाई का प्रचार-प्रसार भी कराया जाए। संचालक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण ने भी उचित मूल्य दुकानों से खाद्यान्न वितरण और उपार्जन केन्द्रों पर किसान उपज खरीदी के निर्देशों से अवगत कराया।
पीएस ने कहा कि उचित मूल्य दुकानों पर राज्य उपभोक्ता हेल्पलाईन, सीएम हेल्पलाईन समेत आपूर्ति अधिकारी एवं उचित मूल्य दुकान के नम्बर लिखे होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर उचित मूल्य दुकान को यूनिट मानकर मानीटरिंग की जाएगी तो बेहतर परिणाम सामने आएंगे। राशन दुकान निरीक्षण के मामले में संभाग सतना की स्थिति कमजोर रही। यहां निरीक्षण काफी कम मिले। पाया गया कि डीएसओ ने एक भी दुकाना का निरीक्षण नहीं किया। एएसओ ने 49 और जेएसओ ने 336 कुल 385 दुकानें देखी गई। जबकि रीवा में डीएसओ ने 40, एएसओ 25, जेएसओ 846 कुल 911 दुकानों का निरीक्षण किया गया। सीधी में कुल 485 तथा सिंगरौली में 305 दुकानों का निरीक्षण किया जाना पाया गया। पीएस ने निरीक्षणों की संख्या बढ़ाने के साथ ही प्रभावी निरीक्षण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि छात्रावासों का राशन शत-प्रतिशत बायोमैट्रिक पद्धति से ही वितरण करें।
पीएस ने कहा,उचित मूल्य दुकानों में पीओएस मशीनों से राशन वितरण हो। सतना जिले की स्थिति सबसे कमजोर रही। सतना में पीओएस से राशन प्राप्त करने वाले परिवारों का प्रतिशत 89 रहा। रीवा का 94, सीधी का 96 तथा सिंगरौली का 94 फीसदी बताया गया। चूंकि खरीदी केन्द्रों का खाद्यान्न ही पीडीएस प्रणाली से बंटता है इसलिए केन्द्रों में उपज की क्वालिटी में कोई समझौता नहीं होना चाहिए।
पीएस ने सतर्कता समितियों को सक्रिय करने के निर्देश दिए और कहा कि जिस क्षेत्र की सतर्कता समितियां सक्रिय रहती हैं, वहां की उचित मूल्य दुकानें अच्छा काम करती हैं। हालांकि पूरे संभाग में सतर्कता समितियों की सक्रियता संतोषजनक नहीं मिली। जिला स्तर पर किसी भी जिले में जिला स्तरीय सतर्कता समिति की बैठक नहीं हुई। विकासखंड स्तर पर एक भी बैठक होना नहीं पाया गया। उचित मूल्य दुकान के मामले में अकेला सतना जिला ऐसा रहा जहां 11 बैठकें हुई है। 818 समितियों में यह आंकड़ा पर्याप्त नहीं माना गया। शहडोल संभाग का अकेला अनूपुर जिला रहा जहां समितियों की बैठक सबसे सम्मानजनक स्थिति में मिली।
सतना जिले में समर्थन मूल्य में गेहूं खरीदी पर उत्पादन की तुलना में 1 लाख मीट्रिक टन भण्डारण की कमी की स्थिति पर पीएस ने संजीदगी दिखाई। कहा कि इस संबंध में जल्द ही व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि जल्द ही दो माह का अग्रिम उठाव का आदेश दिया जाएगा। इसलिये ऐसी सभी संबंधित दुकानों का परीक्षण कर लिया जाए जहां दो माह का स्टाक रखने की जगह हो। इसके साथ ही अतिशेष गेहूं का परिदान और धान की मिलिंग शीघ्रता से कराने के निर्देश दिए गए। जिससे गोदामों में जगह खाली हो सके। कलेक्टर सतना ने बताया कि भण्डारण के लिए वेयर हाउसिंग को जमीन एलाट कर दी गई है, जिसमें 50 हजार एमटी खाद्यान्न रखा जा सकेगा। हालांकि पीएस ने कहा कि कोशिश की जाए कि साइलो बैग स्थापित हो सकें। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में संभागायुक्त रीवा अशोक भार्गव, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण संचालक श्रीमन शुक्ल, प्रबंध संचालक वेयर हाउसिंग कार्पोरशन अशोक वर्मा, कलेक्टर सतना सतेन्द्र सिंह, कलेक्टर रीवा ओपी श्रीवास्तव समेत सीधी, सिंगरौली, उमरिया, शहडोल जिले के कलेक्टर मौजूद रहे।