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सतना

World Pneumonia Day: बच्चों का 3 माह रखें विशेष ख्याल

विश्व निमोनिया दिवस: सर्दी-खांसी व बुखार में आराम न मिले तो चिकित्सक को दिखाएं

सतनाNov 12, 2021 / 02:02 am

Sonelal kushwaha

कलयुगी मां का ऐसा कारनामा आया सामने, नवजात के साथ किया यह काम

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सतना. ठंड के मौमस में निमोनिया के मरीजों में एकाएक इजाफा होता है। सितंबर-अक्टूबर और नंवबर में निमोनिया के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। इनमें सभी आयु वर्ग के लोग रहते हैं लेकिन सबसे ज्यादा ० से ५ साल के बच्चे होते हैं। निमोनिया बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक होता है। समय पर इलाज नहीं मिलने से बच्चे को खतरा भी हो सकता है। ठंड के मौसम में बच्चों के विशेष देखभाल की जरुरत होती है। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ सुनील कारखुर ने बताया, डब्ल्यूएचओ के मुताबिक निमोनिया तीन प्रकार का होता है। सर्दी-जुकाम और बुखार को सामान्य निमोनिया कहा जाता है। निमोनिया की दूसरी स्थिति सर्दी-जुकाम और बुखार के साथ रेसप्रेटरी रेट यानी सांस तेज चलने लगती है। तीसरी अवस्था को सबसे खतरनाक माना गया है। इसमें सर्दी-जुकामा, बुखार, रेसप्रेटरी रेट बढऩे के साथ पसलियां अंदर धंसना शुरु हो जाती हैं। एेसी स्थिति में पीडि़त को भर्ती करना जरुरी होता है।
वैक्टीरियल निमोनिया ज्यादा खतरनाक
वैक्टीरियल निमोनिया ज्यादा खतरनाक होता है। इसकी वजह से मौत ज्यादा होती हैं। सरकार ने इससे बचाव के लिए वैक्सीन लांच किया है।

रेसप्रेटरी सिसेंसियल वायरस से होता है निमोनिया
डॉ कारखुर ने बताया कि यह एक वायरल इंफेक्शन है। जो कि रेसप्रेटरी सिसेंसियल वायरस से होता है । इसका ठंड के मौसम में ज्यादा प्रकोप होता है। ७० से ८० फीसदी बच्चों में यही निमोनिया को प्रोड्यूज करता है। एक साल तक की आयु वर्ग के बच्चे इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।
यह हैं लक्षण
निमोनिया के सर्दी, तेज बुखार, कपकपी, कफ, शरीर में दर्द, मांसपेशियों में दर्द मुख्य लक्षण हैं, लेकिन बच्चों में इस तरह के लक्षण नहीं दिखाई देते। बच्चों में निमोनिया सर्दी-जुकाम से होती है, जो धीरे-धीरे निमोनिया में बदल जाती है।
2 माह के बच्चे के श्वसन की गति यानी रेसप्रेटरी रेट प्रति मिनट 60 से अधिक है तो समझें निमोनिया है। यह सामान्यत: 40 से 60 के बीच हो।
2 माह से एक साल के बच्चे की श्वसन गति प्रति मिनट 50 से कम होना चाहिए। 50 से अधिक है तो निमोनिया है।
1 साल से 5 साल तक की आयु वर्ग के बच्चे की श्वसन की गति यानी रेसप्रेटरी रेट प्रति मिनट ४० होनी चाहिए।

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