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जेपी प्लांट के आंदोलित कर्मचारियों के समर्थन में विधायक ने दी ये बड़ी चेतावनी

locationसतनाPublished: Jul 03, 2020 05:10:19 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-200 कर्मचारियों को निकाले जाने के बाद से प्लांट परिसर में चल रहा धरना-प्रदर्शऩ

जेपी प्लांट के आंदोलित कर्मचारी

जेपी प्लांट के आंदोलित कर्मचारी

सतना. एक दो नहीं पूरे 200 कर्मचारियों के फैक्ट्री से निकाले जाने के 10 दिन बाद भी कोई हल न निकलने पर सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा ने जेपी प्लांट प्रबंधन पर हठवादिता और देश के कानून व संविधान का उल्लंघन करने का आरोप लगया है। उन्होंने कहा कि देश में देश का ही संविधान और कानून चलेगा। किसी निजी कंपनी का नहीं। उन्होंने दो टूक लफ्जों में कहा कि फैक्ट्री से निकाले गए कर्मचारियों की बहाली हो कर रहेगी। कर्मचारियों के साथ हमारा विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
प्लांट से निकाले गए कर्मचारियों की बहाली की मांग को लेकर चल रहे धरना-प्रदर्शन का स्थानीय विधायक सिद्घार्थ कुशवाहा का भी समर्थन हासिल है। इस बीच प्रदर्शनकारियों से वार्ता का प्रयास भी किया गया। इसके लिए सिटी कोतवाली में बातचीत हुई लेकिन यह भी बेनतीजा निकली।
कर्मचारी नेताओं ने इस त्रिस्तरीय वार्ता की विफलता के लिए फैक्टरी प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया। कहा कि प्रबंधन के अडियल रवैए के चलते कोई बात नहीं बन सकी। इस मुद्दे पर विधायक कुशवाहा ने श्रमिकों को संबोधित करते हुए कहा कि फैक्टरी 200 लोगों को बाहर निकालती है और कहती है कि वापस 10 लोगों को ही लेंगे। उसमे भी अपनी शर्तों पर। शर्तें क्या होगी ये हम ही तय करेंगे और उसमें भी काम में वापस आने से पहले एक शपथ पत्र देना होगा। इसके अनुसार फैक्टरी के अंदर काम के दौरान अनुशासनहीनता स्वीकार नहीं की जाएगी।
विधायक ने कहा कि जेपी के सामने भारत का संविधान और उसमें दिए गए सभी अधिकार कोई मायने नहीं रखते। सिद्घार्थ कुशवाहा ने चेतावनी दी कि जेपी का संविधान देश के संविधान से बड़ा नहीं है, जिसके जो अधिकार है वह उसे देना ही होगा।
बता दें कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लागू लॉकडाउन की आड़ में बाबूपुर स्थित भिलाई जेपी प्लांट संचालको ने 200 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। ये कर्मचारी और उनका परिवार तंगहाली में जीवन बसर करने को मजबूर है। लेकिन प्लांट संचालक को इससे कोई सरोकार नहीं। ऐसे में ये कर्मचारी पिछले 10 दिन से प्लांट परिसर में ही धरना दे रहे हैं। इनके समर्थन में कार्यरत कर्मचारी भी ड्यूटी के बाद आकर सांकेतिक तौर पर प्रदर्शन में शामिल हो जाते हैं। इन कर्मचारियों का सैद्धांतिक समर्थन जारी है।
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