आंदोलन के दौरान रेलवे के डीसीएम विश्वरंजन ने कहा कि हम सिर्फ आप का पत्र भेज सकते हैं, इसके अलावा कुछ नहीं कर सकते। आप सांसद व रेल मंत्री से बात करें। वह बिना ज्ञापन लिए ही स्टेशन के अंदर जाने लगे तो धरने पर बैठे लोग आक्रोशित हो गए और रेवले प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। माहौल बिगड़ा तो डीसीएम लौट गए आए और 15 दिन में मांगों को पूरा कराने का आश्वासन दिया। लेकिन लोग सिर्फ आश्वासन पर मानने वाले नहीं थे। उन्होंने बाहर क्रमिक अनशन शुरू कर दिया।
रेल रोको आंदोलन के समर्थन में रविवार को दिनभर उचेहरा नगर का बाजार बंद रहा। आंदोलनकारियों का सर्वदलीय जत्था व्यापारी संघ के नेतृत्व में किला मैदान से शुरू होकर नगर के मुख्य मार्ग से होते हुए उदचेहरा रेलवे स्टेशन पहुंचा। इस आंदोलन में 5 हजार से अधिक लोग शामिल रहे।
आंदोलन में शामिल स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने ट्रेनों के स्टापेज की मांग को जायज ठहराते हुए कहा, छात्र-व्यापारी सहित आम जनता की समस्या परेशान हैं। रेल प्रशासन को उनकी मांगें मान लेनी चाहिए। आंदोलन में प्रमुख रूप से पूर्व विधायक रामप्रताप ङ्क्षसह, यादवेंद्र ङ्क्षसह, जिपं सदस्य ज्ञानेंद्र ङ्क्षसह ज्ञानू, मैहर जनपद उपाध्यक्ष विकाश त्रिपाठी, पूर्व जिपं उपाध्यक्ष डॉ. रश्मि ङ्क्षसह, लोहिया ट्रस्ट के संस्थापक सुदीप तपसी, अधिवक्ता संघ अध्यक्ष उपेंद्र पांडेय, सरपंच संध अध्यक्ष शिवेंद्र ङ्क्षसह ङ्क्षसबू, सतना कैट के अध्यक्ष मनोहर बाधवानी, अतुल गौतम सहित हजारों लोग उपिस्थत रहे।
व्यापारी संगठन कैट के पदाधिकारी पहुंचे
उचेहरा व्यापारी संघ के इस आंदोलन को राष्ट्रीय स्तर की व्यापारी संस्था कैट का भी समर्थन मिला। कैट के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक दौलतानी व जिलाध्यक्ष मनोहर बाधवानी सहित अन्य पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और कोरानाकाल में बंद किए गए गाडिय़ों का स्टॉपेज पुन: शुरू करने की मांग की। उन्होंने रेल प्रशासन के साथ सांसद गणेश सिंह को भी समस्या से अवगत कराया और इस पर पहल करने की मांग की है।
जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अतुल ङ्क्षसह परिहार ने उचेहरा में विभिन्न ट्रेनों के स्टापेज की मांग को लेकर आयोजित जनांदोलन का समर्थन करते हुए कहा है कि ट्रेनों के स्टापेज की मांग को लेकर व्यापारी संगठन एवं क्षेत्रीय नागरिक क्रमिक अनशन पर बैठे हैं। रेल प्रशासन को चाहिए कि उनकी मांगों को तत्काल पूरा करे। अतुल ने कहा कि पहले कोरोना के नाम पर ट्रेनों का स्टापेज बंद किया गया, अब राजस्व के फर्जी आंकड़े पेश करके स्टापेज बहाल न करने का बहाना बनाया जा रहा है।