महिला ने बुक कराए थे 34.18 लाख रुपए में फ्लैट एलआइजी-123 बांघवगढ़ कॉलोनी की लीला ज्ञानचंदानी पति बीडी ज्ञानचंदानी ने बगहा रघुराजनगर गोकुलधाम सोसायटी के कृष्णा ब्लॉक की द्वितीय मंजिल में फ्लैट बुक कराया था। 34.18 लाख रुपए का बिल्डर्स से अनुबंध किया था। महिला ने 13 लाख रुपए का भुगतान किया, बाकि राशि कॉर्पोरेशन बैंक से फाइनेंस कराकर नौ किस्तों में जमा कराई। तय अवधि में पजेशन तो दूर प्रोजेक्ट का निर्माण भी शुरू नहीं हुआ। इस पर लीला ने रेरा में मामले की शिकायत दर्ज कराई।
दो अन्य मामलों में भी बिल्डर्स मोर्डिया पर जुर्माना अधिवक्ता अजय सिंह रघुवंशी ने बताया कि मनोरमा गुप्ता निवासी चाणक्यपुरी ने 50 लाख रुपए में फ्लैट क्रय करने बिल्डर्स नारायणदास व शक्ति मोॢडया से अनुबंध किया था। 12.50 लाख रुपए चार किस्तों में भुगतान किया। इसी प्रकार प्रसून यादव निवासी प्रेम विहार कॉलोनी ने भी मोर्डिया को 35.71 लाख रुपए का भुगतान किया, लेकिन दोनों को भुगतान के बाद भी भटकाव झेलना पड़ रहा था। दोनों ने मामले की शिकायत रेरा में दर्ज कराई। रेरा ने बिल्डर्स के खिलाफ दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया और मूल रकम 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर से आवेदक को लौटाने के निर्देश दिए हैं।
दो माह में लौटानी होगी तीनों आवेदकों की राशि न्याय निर्णय अधिकारी वीके दुबे ने संत कंवरराम बिल्डर्स शक्ति मोर्डिया कोतवाली चौक सतना को निर्देश दिए कि तीनों आवेदकों को मूल रकम का भुगतान निर्णय दिनांक 8 मई 19 से दो माह की अवधि में करें। निर्धारित समयावधि में बिल्डर्स द्वारा राशि ब्याज सहित नहीं लौटाने पर आवेदक नियमानुसार उक्त राशि वसूल पाने के अधिकारी होंगे।
आवेदक का आवेदन शुल्क भी देना होगा न्याय निर्णय अधिकारी ने मनोरमा गुप्ता मामले में बिल्डर्स मोर्डिया को निर्देश दिए कि आवेदिका द्वारा रेरा में भुगतान किया गया आवेदन शुल्क भी देना होगा।
रेरा के आदेश का उल्लघंन पड़ेगा भारी विशेषज्ञों का कहना है कि रेरा के आदेश का उल्लंघन करने पर बिल्डर की प्रॉपर्टी या बैंक अकाउंट से पैसों की वसूली की जा सकती है। हालांकि पहले बिल्डर को रिकवरी आदेश जारी किया जाएगा। रिकवरी के लिए उसके पास जो भी प्रॉपर्टी होगी उससे रकम वसूली जाएगी। बिल्डर के पास सुप्रीम कोर्ट में जाने का रास्ता हमेशा खुला रहता है।
क्या है रेरा प्रदेश में रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी लागू है। इसके तहत जारी गाइड लाइन पर खरा उतरने के बाद ही कोई भी बिल्डर नया प्रोजेक्ट लॉन्च कर पाएगा। बिल्डरों पर शिकंजा कसने के लिए रेरा लागू को किया गया है। इसके तहत बिल्डरों की मनमानी पर रोक लगाई जा सके।