शहीद धीरेंद्र त्रिपाठी का अंतिम संस्कार उनके गृह ग्राम में किया गया। पहले पूरे राष्ट्रीय सम्मान के साथ गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, फिर सीएम सहित जनप्रतिनिधि और अधिकारियों ने श्रद्धांजली दी। गांव से सपूत के अंतिम संस्कार में शामिल होने बड़ी संख्या में आसपास के गांव के लोग भी पहुंचे थे। शहीद को अंतिम यात्रा में जिला कलेक्टर अजय कटेसरिया ने भी कंधा दिया।
कश्मीर में सीआरपीएफ के जांबाज धीरेन्द्र मिश्रा ने अंतिम सांस तक देश के लिये के आतंकियों से लोहा लिया और वीरगति को प्राप्त हो गये। दरअसल सीआरपीएफ 110 बटालियन के जवान और जम्मू कश्मीर पुलिस के जवानों के साथ कांधीजाल पुल के पास रोड ओपनिंग आपरेशन में जुटे थे, तभी आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। आतंकियों के इस हमले 5 जवान घायल हो गए। इन सभी जवानों को सेना के 92 बेस अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने दो जवानों को मृत घोषित कर दिया। इनमें सतना जिले के रामपुर बाघेलान थाना क्षेत्र के पडिय़ा की माटी का लाल धीरेन्द्र त्रिपाठी भी शामिल थे। जवान की शहादत की खबर सीआरपीएफ ने उनके पिता रामलेश त्रिपाठी को फोन पर दी।
शहीद के पिता रामलेश त्रिपाठी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में ही सहायक उपनिरीक्षक के पद पर कार्यरत हैं। फिलहाल उनकी पोस्टिंग बालाघाट में हैं। शहीद जवान की मां उर्मिला त्रिपाठी और परिवार के लोग गांव में रहते हैं। शहीद के परिवार में मां के अलावा पत्नी साधना त्रिपाठी, 3 वर्ष का बेटा कान्हा और छोटी बहन रेनू त्रिपाठी हैं। धीरेन्द्र का विवाह 4 वर्ष पूर्व रीवा के रायपुर कर्चुलियान में हुआ था।