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सतना

देश का इकलौता शहर जहां बोर्ड नहीं पुस्तक विक्रेता तय करते हैं निजी स्कूलों का पाठ्यक्रम

यहां प्रशासन पर भारी पुस्तक विक्रेता

सतनाMay 25, 2020 / 01:10 am

Sukhendra Mishra

Disturbances in evaluation of board's answerbooks, action taken by board on four teachers ...

बोर्ड के उत्तर-पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में गड़बड़ी, चार शिक्षकों पर मंडल ने की कार्रवाई …

सतना.शहर के निजी विद्यालयों में शिक्षा विभाग व जिला प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं हैं। कान्वेंट स्कू ल संचालक स्टेशनरी दुकानदारों से मिलकर अविभावकों को दोनों हाथ से लूट रहे हैं। इसका अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि निजी विद्यालय के संचालक अपने शिक्षकों को भी यह नहीं बताते की किस क्लास का सिलेवस क्या होगा और किस कक्षा में कितनी किताबे लगेगी। एेसे में जब अभिभावक शिक्षकों से किताब के बारे में पूछते हैं तो वह स्कूल संचालक द्वारा फिक्स स्टेशनी दुकान न नाम और पता बता देते हैं। क्योंकि स्कूल की किस कक्षा में कितनी और किस प्रकाशन की किताब लगेगी यह स्कूल नहीं पुस्तक विक्रेता कमीशन के आधार पर तय करते हैं।
अविभावक ने मांगी दो किताब,देने से इनकार
निजी स्कू ल संचालक व स्टेशनरी विक्रेता मिलकर किस प्रकार अभिभावकों को लूट रहे हैं इसकी पोल शनिवार को तब खुली जब बदखर स्थित बोनांजा स्कू ल का एक अविभावक किताब खरीदने शिक्षकों द्वारा बताई दुकान संजय स्टेशनी पावर हाउस पहुंचा। अभिभावक ने कहा कि अभी किताबों का सेट खरीदने हमारे पास पैसा नहीं है। इसलिए कक्षा चार की गणित एवं अग्रेजी दे दीजिए। जुलाई में जब स्कू ल खुलेगा पूरा सेट खरीद लेगे। अभिभावक की यह बात सुन संजय स्टेशनी के संचालक ने उसे दुकान से भगाते हुए बोला। यहां सेट में ही किताब मिलती है। किताब लेना है तो चार हजाए रूपए लेकर आओ।
पीडि़त बोला कर्ज लेकर खरीदेगे किताब
पीडि़त ने बताया की मै एक निजी कंपनी का कर्मचारी हूं,दो माह से वेतन नही मिला। बोनांजा स्कूल में आनलाइन पढ़ाई के नाम पर बुक खरीदने का दबाव बनाया जा रहा है। पैसे न होने के कारण पांच सौ रूपए लेकर संजय स्टेशनी गया था। लेकिन उसने दो किताब देने से मना कर दिया। आर्थिक तंगी से जूझ रहे पिता ने कहा की बेटी दुखी न हो इसलिए मैने शहर की दूसरी स्टेशनरी दुकानों में भी किताब पूछी, लेकिन बोनांजा स्कू ल के शिक्षक यह नहीं बता रहे कि कक्षा चार में किस प्रकाशक की किताब लगेगी। इसलिए दूसरी दुकानों में किताब नहीं मिल रही है।
लुट रहे अभिभावक
लाकडाउन में गरीब एवं मध्यम वर्गीय लोगों को राहत देने प्रदेश सरकार ने स्कूल खुलने तक निजी विद्यालयों की फीस वसूली पर रोक लगा दी थी। लेकिन जिला प्रशासन द्वारा निजी स्कूलों पर किसी प्रकार की कार्यवाई न करने से स्कू ल संचालकों के हौसले बुलंद हैं और वह आनलाइन पढ़ाई के नाम पर अभिभावकों पर ट्यूसन फीस एवं किताब सेट खरीदने का दबाव बना रहे हैं।

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