बर्बाद फसल देख किसान ने लगाई आग
सतनाPublished: Apr 13, 2015 06:48:00 pm
फसल नष्ट होने और पत्नी की बीमारी से मानसिक तनाव झेल रहे रामविश्वास ने आग लगा ली…
सतना
कुदरती के कहर से परेशान किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ती जा रही हैं। सरकारी इमदाद का उन्हें भरोसा है, लेकिन वह कब हाथ आएगी यह तय नहीं। शनिवार को हुई बारिश ने रही सही कसर भी पूरी कर ली। पानी थमते ही अपने खेतों पर नजर फेरने के बाद से उचवा टोला सितपुरा में रहने वाले रामविश्वास पांडेय (75) बेहद परेशान थे। एक ही रट लगाए थे कि फसल नष्ट हो गई, अब कुछ नहीं बचा। यह कहते-कहते रविवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे उन्होंने घर के पीछे बनी बारी में जाकर शरीर पर केरोसिन छिड़का और खुद को आग के हवाले कर दिया। इस बीच परिवार के सदस्य मौके पर पहुंच गए।
उन्होंने आग बुझाई और दवा का इंतजाम करने लगे। घटना के बाद पीडि़त ने अस्पताल जाने से मना कर दिया। लिहाजा गंभीर हालत में मामूली इलाज कराने के बाद उसे घर में ही परिजन रखे रहे। दोपहर बाद जब बात जिम्मेदार अफसरों तक पहुंची, तो पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बयान दर्ज करते हुए पीडि़त का जिला अस्पताल रवाना कराया।
कई दिन बाद गए थे खेत
रामविश्वास खेत कम ही जाते थे, उनके दामाद प्रेमशंकर ही खेती देखते थे। पीडि़त के रिश्तेदार राधा गोविंद ने बताया कि फसल नष्ट होने और पत्नी की बीमारी से मानसिक तनाव झेल रहे रामविश्वास ने आग लगा ली। उस वक्त घर में बड़ी बेटी और पत्नी थे।
6 एकड़ की फसल चौपट
रामविश्वास के पास छह एकड़ जमीन है। चार एकड़ सितपुरा में और दो एकड़ जमीन बम्हौर हल्का के कोनी टोला में है। उन्होंने दो एकड़ में चना, एक एकड़ में मसूर, दो एकड़ में गेहूं और एक एकड़ में प्याज बोया था। इसमें प्याज और कुछ गेहूं बच सका, बाकी फसल खराब हो गई।
पत्नी है कैंसर से पीडि़त
पीडि़त की पत्नी कमला बाई कैंसर से पीडि़त है। रामविश्वास की बड़ी बेटी मिथलेश जबलपुर में ब्याही है और छोटी मिथिला पति प्रेम शंकर मिश्रा के साथ उचवा टोला में रहती है।
जांच कराई जा रही है। प्रारंभिक तौर पर घरेलू विवाद की भी बात सामने आ रही है। जहां तक क्षेत्र की बात है तो यहां ओलावृष्टि नहीं हुई है। इसके बाद भी सभी पक्षों पर पूरी गंभीरता से देखा जा रहा है।
जेपी धुर्वे, एसडीएम, नागौद