नाराज किसानों ने फसल बीमा राशि का भुगतान करने, ऋण की व्यवस्था करने, सोसायटी से खाद-बीज की व्यवस्था कराने समेत पांच सूत्रीय मांगों के निराकरण की भी गुहार लगाई। इस दौरान पूर्व सोसायटी अध्यक्ष महेन्द्र सिंह, अरविन्द सिंह गहरवार, धर्मेन्द्र सिंह परिहार, यशवंत सिंह, सुरेन्द्र सिंह, मुन्नालाल साकेत, शमशेर सिंह, प्रहलाद सिंह, केदार प्रसाद पाठक, निर्भय तिवारी, प्रदीप तिवारी, जगदीश प्रसाद शुक्ला समेत काफी संख्या में क्षेत्रीय किसान मौजूद रहे।
पिछले चार दिनों से सोसायटी परिसर में डेरा डाले किसानों ने बताया कि देवरी चोरहटा सोसायटी प्रारंभ न होने से उन्हें कई प्रकार की दिक्कतों का सामना कर पड़ रहा है। शादी ब्याह के सीजन में खरीदी न होने से किसान आर्थिक संकट में फंस गया है। केदार प्रसाद पाठक समेत अन्य किसानों ने चेतावनी दी कि यदि 13 मार्च को जारी कलेक्टर के आदेश पर अमल कर देवरी चोरहटा सोसायटी का संचालन प्रारम्भ न किया गया तो वे आत्मदाह से भी नही हिचकेंगे।
चोरहटा-देवरी समिति में आठ गांवों के 18०० किसान पंजीकृत हैं। पासवर्ड न मिलने के कारण किसान गेहूं नहीं बेच पा रहे। ग्राम चोरहटा सेवा सहकारी समिति के लिए निर्धारित किए गए खरीदी केन्द्र का आदेश कलेक्टर ने जारी किया था। कॉपी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, उपायुक्त सहकारिता एवं नागरिक आपूर्ति निगम के नाम जारी की गई थी। इस केंद्र से ग्राम चोरहटा, खरवाही, लखहा, उमरी, रामपुर, डुडहा एवं चकेरा के किसानों को लाभ मिलेगा।
चौपाल की जानकारी होने पर शाम चार बजे एसडीएम कमलेश पुरी, तहसीलदार आरएस त्रिपाठी व थाना प्रभारी राजेश शर्मा पहुंचे। उन्होंने समझाइश दी, किसान मानने को तैयार नहीं थे। उसके बाद कलेक्टर से अधिकारियों ने चर्चा की। फिर आश्वासन दिया गया कि दो दिन के अंदर केंद्र खोल दिया जाएगा। फसल बीमा, सूखा राहत, खाद व बीज वितरण शुरू कर दिया जाएगा। इसके बाद किसान माने और शाम करीब 4.30 बजे चौपाल उठी।
किसानों ने भले ही सड़क पर चौपाल लगाकर यातायात ठप कर दिया लेकिन इस दौरान संवेदनशीलता भी दिखाई। बुजुर्गों के कहने पर किसानों ने स्कूल बस, एम्बुलेंस व फायर बिग्रेड को जाने के लिए रास्ता छोड़ा भी, ताकि आपात व्यवस्था संचालित होती रहे।