ठेका कंपनी द्वारा सफाई में मशीनों का उपयोग नहीं किया जाता है। यह एक किनारे बतौर शोपीस रखी रहती है। जब अधिकारियों का निरीक्षण होता है तभी इन मशीनों को बाहर निकाला जाता है। निरीक्षण के बाद मशीन फिर अपने स्थान पर रख दी जाती हैं।
सफाई ठेका कंपनी द्वारा की जा रही मनमानी की जानकारी स्थानीय रेलवे प्रबंधन को है। लेकिन, मिलीभगत के चलते जिम्मेदार कार्रवाई तो दूर चुप्पी साधे हुए हैं। महज दो-चार हजार रुपए का जुर्माना कर कागजी खानापूर्ति की जा रही है। खामियाजा स्टेशन आने-जाने वाले यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है।
ठेका कंपनी को ट्रैक की साफ-सफाई के लिए हाई प्रेशर जैक का उपयोग करना है। स्टेशन की दीवारों की साफ-सफाई करने के लिए स्टीम मशीन का उपयोग करना है ताकि दीवारों की गंदगी आसानी से हटाई जा सके। ब्लीचिंग का उपयोग भी करने के निर्देश हैं। लेकिन, ठेका कंपनी द्वारा ऐसा कुछ नहीं किया जा रहा। सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। जबकि, मशीन चालू हालत में हैं।