डीपीओ रामपाल सिंह ने बताया, प्रथम अपर सत्र न्यायालय ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आरोपी की शिनाख्त और माता-पिता के बयान दर्ज कराना शुक्रवार को तय किया था। इस संबंध में एम्स प्रबंधन को भी सूचित कर दिया गया था। ताकि समय पर सभी व्यवस्थाएं बेहतर ढंग से काम कर सकें। एम्स प्रबंधन ने स्थिति को देखते हुए शुक्रवार को वीसी कराने को लेकर सहमति व्यक्त की थी। इस पर कोर्ट ने शुक्रवार को बयान कराने के आदेश जारी किए थे। निर्धारित समय पर बयान शुरू हुआ। पीडि़ता व माता-पिता के बयान दर्ज हुए।
अभियोजन की कहानी को सही बताया
पीडि़त मासूम के माता-पिता ने अभियोजन की कहानी का समर्थन किया। पिता ने कोर्ट को बताया, वह घटना वाली रात शौच के लिए गया था। आकर देखा तो चार वर्षीय मासूम बिस्तर से गायब थी। मामले की जानकारी पड़ोसियों को दी। गांव वालों की तलाश के बाद मासूम गंभीर हालत में खेत में पड़ी मिली थी।
पीडि़त मासूम के माता-पिता ने अभियोजन की कहानी का समर्थन किया। पिता ने कोर्ट को बताया, वह घटना वाली रात शौच के लिए गया था। आकर देखा तो चार वर्षीय मासूम बिस्तर से गायब थी। मामले की जानकारी पड़ोसियों को दी। गांव वालों की तलाश के बाद मासूम गंभीर हालत में खेत में पड़ी मिली थी।
विवेचना अधिकारी के बयान 5 को
अभियोजन अधिकारी ने बताया, अपर सत्र न्यायालय द्वारा अगली सुनवाई 5 सितंबर को तय की गयी है। इस दौरान विवेचना अधिकारी एसडीओपी उचेहरा प्रभा किरण किरो के बयान दर्ज किए जाएंगे। बता दें, अभियोजन की ओर से जिला अभियोजन अधिकारी रामपाल सिंह ने 7 अगस्त 18 को अपर सत्र न्यायालय नागौद में पांच दिन का ट्रायल कार्यक्रम प्रस्तुत था। इस दौरान 22 गवाह तय किए गए थे।
अभियोजन अधिकारी ने बताया, अपर सत्र न्यायालय द्वारा अगली सुनवाई 5 सितंबर को तय की गयी है। इस दौरान विवेचना अधिकारी एसडीओपी उचेहरा प्रभा किरण किरो के बयान दर्ज किए जाएंगे। बता दें, अभियोजन की ओर से जिला अभियोजन अधिकारी रामपाल सिंह ने 7 अगस्त 18 को अपर सत्र न्यायालय नागौद में पांच दिन का ट्रायल कार्यक्रम प्रस्तुत था। इस दौरान 22 गवाह तय किए गए थे।
यह है मामला
उचेहरा थाना अंतर्गत परसमनिया में १ जुलाई की रात चार साल की मासूम को घर से अगवा कर दुष्क र्म करने का सनसनीखेज मामला सामने आया था। पुलिस ने आरोपी महेंद्र सिंह गोड़ निवासी पन्ना टोला को गिरफ्तार कर लिया था। इसके खिलाफ न्यायालय में न्यायालय में मासूम के साथ दुष्कर्म के लिए आइपीसी की धारा 363, 376 ( एबी), पास्को एक्ट की धारा 5 (झ) (ड) सहित सहपठित धारा 6 के तहत आरोप तय किए गए थे।
उचेहरा थाना अंतर्गत परसमनिया में १ जुलाई की रात चार साल की मासूम को घर से अगवा कर दुष्क र्म करने का सनसनीखेज मामला सामने आया था। पुलिस ने आरोपी महेंद्र सिंह गोड़ निवासी पन्ना टोला को गिरफ्तार कर लिया था। इसके खिलाफ न्यायालय में न्यायालय में मासूम के साथ दुष्कर्म के लिए आइपीसी की धारा 363, 376 ( एबी), पास्को एक्ट की धारा 5 (झ) (ड) सहित सहपठित धारा 6 के तहत आरोप तय किए गए थे।
22 में से 20 गवाहों के हुए कथन
ट्रायल के पहले दिन 8 जुलाई को मेमोरेण्डम जब्ती संबंधी चार गवाह संतोष कुशवाहा, अच्छे लाल, सुनील और संतोष नामदेव के कथन हुए। दूसरे दिन 9 जुलाई को 8 गवाह डॉ. प्रतिका सिंह, डॉ महेंद्र सिंह, आरक्षक अनिल विश्वकर्मा, डॉ प्रशांत यादव, डॉ अखिलेश सिंह, सिक्खू सिंह, आरक्षक गोपाल सिंह, आरक्षक रीता सिंह के बयान हुए। इसके बाद उपनिरीक्षक अभिलाषा नायक, आरक्षक संजय सिंह, अनुज सिंह, सुदर लाल रावत सहित दीपक कुमार वर्मा के बयान हुए। 31 अगस्त को पीडि़ता सहित उसके माता-पिता के बयान दर्ज किए गए। इस प्रकार अभी तक कुल 20 गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं।
ट्रायल के पहले दिन 8 जुलाई को मेमोरेण्डम जब्ती संबंधी चार गवाह संतोष कुशवाहा, अच्छे लाल, सुनील और संतोष नामदेव के कथन हुए। दूसरे दिन 9 जुलाई को 8 गवाह डॉ. प्रतिका सिंह, डॉ महेंद्र सिंह, आरक्षक अनिल विश्वकर्मा, डॉ प्रशांत यादव, डॉ अखिलेश सिंह, सिक्खू सिंह, आरक्षक गोपाल सिंह, आरक्षक रीता सिंह के बयान हुए। इसके बाद उपनिरीक्षक अभिलाषा नायक, आरक्षक संजय सिंह, अनुज सिंह, सुदर लाल रावत सहित दीपक कुमार वर्मा के बयान हुए। 31 अगस्त को पीडि़ता सहित उसके माता-पिता के बयान दर्ज किए गए। इस प्रकार अभी तक कुल 20 गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं।
मासूम ने कहा, मैं इसे पहचानती हूं
डीपीओ ने बताया, एडीजे कोर्ट के समक्ष पीडि़त चार वर्षीय मासूम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आरोपी की महेंद्र सिंह गोड़ की शिनाख्त करायी गयी। पीडि़ता स्क्रीन पर देखते ही कहा, इसे मैं पहचानती हूं। यह मास्टर साहब हैं, मेरे पिता भी इन्हें मास्टर साहब कहते थे। इन्होंने मेरे साथ गलत काम किया था।
डीपीओ ने बताया, एडीजे कोर्ट के समक्ष पीडि़त चार वर्षीय मासूम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आरोपी की महेंद्र सिंह गोड़ की शिनाख्त करायी गयी। पीडि़ता स्क्रीन पर देखते ही कहा, इसे मैं पहचानती हूं। यह मास्टर साहब हैं, मेरे पिता भी इन्हें मास्टर साहब कहते थे। इन्होंने मेरे साथ गलत काम किया था।