शहडोल जिले की पुलिस से जानकारी मिली है कि अनुभाग धनपुरी की केशवाही चौकी पुलिस को पशु तस्करी के मामले में मुखबिर से सूचना मिली थी। खबर थी कि कुछ लोग ट्रक एमपी 35 एचए 0177 में अवैध तरीके से मवेशियों को भरकर रसमोहनी भटिया होकर केशवाही के रास्ते कोतमा की ओर कत्लखाना तक लेकर जाने वाले हैं। खबर पाते ही चौकी प्रभारी केशवाही परिवीक्षाधीन एसआइ प्रीति कुशवाहा ने सहयोगी एएसआइ मोहन पड़वार, प्रधान आरक्षक सुदामा प्रसाद, रतिराम सिंह, आरक्षक दिनेश केवट, सुरेन्द्र पटेल की टीम के साथ धनौरा गांव के पास नाकाबंदी कर दी। जब संदिग्ध ट्रक को रोकने की कोशिश हुई तो उसके चालक ने पुलिस से बचकर भागने की कोशिश की। इस बीच पुलिस ने प्रयास कर ट्रक को रोक लिया। जांच के दौरान ट्रक के अंदर से 28 नग बछड़े बरामद हुए जो नियमों के विपरीत लादे गए थे। इसी ट्रक में वाहन मालिक मो. यासीन पुत्र मो. याकूब (32) निवासी गली नंबर एक खूंथी सतना व नरैना यादव उर्फ भइया पुत्र संतोष यादव (25) निवासी रामनगर थाना कालिंजर जिला बांदा मिले। पूछताछ में दोनों ने पुलिस को बताया कि बिना अनुज्ञप्ति पत्र के 28 नग बछड़े कोतमा होकर कत्लखाना लेकर जा रहे थे। बछड़ों को मुक्त कराते हुए इन दोनों के खिलाफ आइपीसी की धारा 279, पशु क्रूरता निवारणण अधिनियम की धारा 2(घ), मप्र गौवंश प्रतिषेध अधिनियम 2004 की धारा 5, 5, 6(क), 6(ख), 9, 11(क) का अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
अफसरों के नाम का सहारा
इस कार्रवाई के बाद यह बात सामने आई है कि आरोपी यासीन आला अफसरों से अपनी पहचान और उनका खास बताकर बचता रहा। उसने कई दफा पशु तस्करी के ही मामले में उन पुलिस कर्मियों की शिकायत की है जो उसके कारोबार में आड़े आते रहे। राजनीति से भी ताल्लुक बताकर वह पशु तस्करी का कारोबार बढ़ाता रहा। लेकिन शहडोल जिले की पुलिस ने उसे रंगे हाथ दबोच लिया।
लड़ चुका है चुनाव
यह जानकारी सामने आई है कि मो. यासीन कुरैशी सतना के वार्ड 28 से भाजपा समर्थित रहते हुए पार्षद का चुनाव भी लड़ चुका है। हालांकि उसे जीत हासिल नहीं हुई थी। इसके खिलाफ सतना में ही मारपीट के प्रकरण भी दर्ज हो चुके हैं। सतना से ही नजदीकी उप्र और मप्र के साथ छत्तीसगढ़ के इलाकों में पशु तस्करी का कारोबार लंबे अर्से से चल रहा है।