पत्रिका के हाथ लगे दस्तावेजों में टीबी नियंत्रण विभाग का पूरा काला चिट्टा खुल कर सामने आ गया है। वर्ष 2019 के रिकार्डों के अनुसार 353 खातों में गड़बड़झाला पकड़ में आया है। मसलन, टीबी मरीज दीपा सिंह पति सतेन्द्र सिंह (खाता नंबर 080731305**) को मैहर, उचेहरा और देवराजनगर विकासखण्ड का निवासी दिखा कर क्रमश: 50 हजार, 23 हजार और 5 हजार रुपए निकाले गए। इसी तरह से सबाना निलोफर पति मे. जमालुददीन (खाता नंबर 9440101000144**) को उचेहरा और मैहर का निवासी दिखाकर इनके नाम पर क्रमश: 63500 और 86000 रुपये निकाल लिये गए। इसी तरह से मतीन खान पिता मोइन खाना (खाता नंबर 9440101100141**) को उचेहरा मैहर का निवासी दिखाते हुए क्रमश: 21500, 21500 रुपये निकाल लिए गए। इसी तरह से लाखों रुपए का खेल कई अन्य खाताधारकों को अलग-अलग स्थान का निवासी दिखाकर कर लिया गया। 2018 की लिस्ट में भी इसी तरह से खेल किया गया है। इसमें दूसरे हितग्राही का पैसा दूसरे के खाते में डालकर राशि का गबन कर लिया गया। यह खेल पकड़ में आने के बाद अब विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों की घिघ्घी बंध गई है।
भले ही शासकीय योजना में सिद्ध भ्रष्टाचार का मामला सामने आने के बाद सीएमएचओ कार्रवाई की बात कर रहे हैं, लेकिन अभी तक की कवायद महज खाना पूर्ति ही साबित हो रही है। उन्होंने संबंधितों के विरुद्ध नोटिस जारी करने की बात की है। लेकिन जानकारों का कहना है कि इस मामले में शासकीय सेवकों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर इन्हें निलंबित करने की कार्रवाई की जाकर विभागीय जांच संस्थित की जानी चाहिए।
बताया गया है कि खाताधारकों के नाम पर किए गए इस खेल में 12 लाख रुपए से ज्यादा का गबन किया गया है। इस राशि की रिकवरी के लिए भी अभी तक कोई ठोस कार्रवाई प्रारंभ नहीं की गई है।