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सतना जल संकट: 26 हजार उपभोक्ता, न जलापूर्ति का समय, न हेल्पलाइन नंबर

भगवान भरोसे निगम की जलापूर्ति, 39 एमएलडी पानी की सप्लाई फिर भी जनता परेशान

सतनाAug 17, 2019 / 05:10 pm

suresh mishra

Satna water crisis: 26 thousand consumers, no water supply time

Satna water crisis: 26 thousand consumers, no water supply time

सतना। शहर हो या गांव, पानी सप्लाई का एक निश्चित समय होता है। यदि नलों में सप्लाई सुबह ६ बजे होती है तो पानी 6 बजे ही आएगा, लेकिन सतना शहर में जलापूर्ति का कोई समय नहीं। किस कॉलोनी में जलापूर्ति कब होगी, यह नगर निगम एवं जलावद्र्धन योजना के कर्मचारियों की मर्जी पर निर्भर है। नतीजा रहवासियों को पानी के लिए घंटों इंतजार के रूप में भुगतना पड़ता है।
शहर में 26 हजार नल कनेक्शनधारी उपभोक्ता हैं। इसके बावजूद निगम प्रशासन द्वारा न तो कॉलोनियों में समय पर जलापूर्ति की जा रही और न उपभोक्ताओं की जल संबंधी शिकायतों के लिए कोई हेल्पलाइन नंबर चालू किया गया। नगर निगम प्रशासन द्वारा घर-घर पानी पहुंचाने के लिए 300 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी व्यवस्था भगवान भरोसे है।
शिकायत के लिए भटकना मजबूरी
यदि कोई व्यक्ति किसी काम से बाहर गया है और उसके घर में पानी नहीं आया तो परिवार का प्यासा रहना तय है। क्योंकि जलापूर्ति न होने की शिकायत के लिए निगम प्रशासन में कोई हेल्पलाइन नंबर नहीं है जहां पर शिकायत दर्ज कराने के 24 घंटे के अंदर उन्हें घर बैठे सहायता मिल सके। जलापूर्ति न होने की शिकायत के लिए कोई हेल्पलाइन न होने के कारण लोगों को शिकायत दर्ज कराने के लिए निगम कार्यालय एवं फिल्टर प्लांट के चक्कर लगाने पड़ते हैं। निगम कार्यालय शिकायत लेकर पहुंचे उपभोक्ताओं ने बताया कि शिकायत के लिए जिन कर्मचारियों का नंबर दिया जाता है वे फोन रिसीव नहीं करते।
टेंशन बढ़ा रहे नल
पानी के लिए निगम की जलापूर्ति पर निर्भर उपभोक्ताओं का कहना है, निगम की नियमित जलापूर्ति उनके लिए बड़ी समस्या है। भरहुत नगर निवासी अर्चना सिंह ने बताया कि पानी आता तो है पर समय तय नहीं। कभी शाम 4 बजे नल चालू हो जाएंगे तो कभी सात के बाद। ऐसे में यदि शाम को उन्हें कहीं जाना है तो समय पर नल न आने के कारण वह घर से निकल नहीं पातीं। यह समस्या सिर्फ एक व्यक्ति या पारिवार की नहीं, बल्कि शहर का हर कनेक्शनधारी अनियमित जलापूर्ति से परेशान है। नईबस्ती वार्ड 14 निवासी सालू गौतम ने बताया कि पानी भरने के लिए घर में एक आदमी को हर समय नल पर नजर रखनी पड़ती है। कहने के लिए नल आने का समय सुबह 9 बजे है, समय पर नल कभी कभी ही आता है। इसलिए उन्हें पानी भरने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है।
जलावर्धन योजना
शहर के पश्चिमी क्षेत्र यानी रेलवे लाइन के पश्चिम में स्थित 13 वार्डों मेंं जलावद्र्धन योजना के तहत जलापूर्ति का कार्य निजी एजेंसी द्वारा किया जा रहा है। 13 वर्षों में नल कनेक्शन सुधारने के लिए आपूर्ति की पूरी जिम्मेदारी निजी एजेंसी के कर्मचारियों की है, लेकिन लोगों की शिकायत दर्ज करने एजेंसी का कोई हेल्पलाइन नंबर नहीं हैं।
अमृत योजना
शहर के रेलवे लाइन से पूर्वी भाग में नई पाइपलाइन डालने का कार्य अमृत योजना के तहत कराया गया है। योजना के तहत जिन कॉलोनियों में नई पाइपलाइन से जलापूर्ति शुरू हो गई है, वहां जलापूर्ति एवं उपभोक्ताओं की शिकायतों के निराकरण की जिम्मेदारी निजी ठेका एजेंसी की है। अमृत योजना की ठेका एजेंसी का शिकायत के लिए न शहर में कहीं दफ्तर है और न ही शिकायत दर्ज कराने कोई हेल्पलाइन नंबर। ऐसे में पानी न आने पर लोग निगम अधिकारी एवं सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करने को मजबूर हैं।
जलकार्य विभाग
शहर की ऐसी कॉलोनियां जहां अभी भी मोटर पंप एवं संपवेल के माध्यम से पुरानी पाइप लाइनों से जलापूर्ति हो रही है वहां पर पानी सप्लाई एवं उपभोक्ताओं की शिकायतों का निराकरण करने की जिम्मेदारी निगम के जलकार्य विभाग पर है। नईबस्ती, घूरडांग, उतैली तथा टिकुरिया टोला की कुछ कॉलोनियों में जलापूर्ति जलकार्य विभाग द्वारा की जा रही है।
जलापूर्ति का समय
– सुबह 6 से 8 बजे तक उतैली, संग्राम कॉलोनी, कृष्ण नगर, बाजार क्षेत्र, सिद्धार्थ नगर, टिकुरिया टोला, नईबस्ती टंकी क्षेत्र
– शाम 4 से 6 बजे तक जवाहर नगर, सिविल लाइन बम्हनगवां, भुरहुत नगर, फ्रैंड्स कालोनी टंकी से जुड़े क्षेत्र।
– शाम 5 से 7 बजे तक-फिल्टर प्लांट टंकी से सिंधी कैम्प कालोनी, बांधवगढ़, पुरस्वानी मोहल्ला, औद्योगिक क्षेत्र।
5 बजे की टाइमिंग, साते बजे सप्लाई
जिस कॉलोनी में नल आने का समय शाम 5 बजे है वहां जलापूर्ति कभी 6 बजे चालू होती है तो कभी 7 बजे। रहवासियों का कहना है कि निगम की अनियमित जलापूर्ति उनके लिए सिरदर्द बन चुकी है।
उपभोक्ताओं की शिकायतों के लिए कोई हेल्पालइन नंबर नहीं है। लोग निगम के अधिकारियों एवं ठेका एजेंसियों के कर्मचारियों के नंबर पर फोन कर शिकायत करते हैं। इससे उपभोक्ताओं को परेशान होती है। जल उपभोक्ताओं की शिकायत के लिए जल्द ही नगर निगम में हेल्पलाइन कक्ष की स्थापना की जाएगी। वहां पर हर वार्ड के उपभोक्ता अपनी पानी संबंधित शिकायत दर्ज करा सकेंगे।
आरपी सिंह, जलकार्य प्रभारी ननि
कॉलोनियों में पानी तो आता है, लेकिन उपभोक्ताओं की जल संबंधी शिकायतों के लिए हेल्पलाइन नंबर न होने के कारण उपभोक्ताओं को परेशानी होती है। जलापूर्ति की शिकायत निवारण के लिए हेल्पलाइन सेंटर होना चाहिए, जिसमें लोग घर में बैठ कर ही शिकायत कर सके और 24 घंटे में उनकी समस्या का समधान हो सके।
शैलेन्द्र सिंह गुड्डू, नेता प्रतिपक्ष नगर निगम

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