जुर्माने का है प्रावधान जानकारी के अनुसार राज्य शासन से अधिसूचित विभिन्न सेवाओं के आवेदन अगर लोक सेवा गारंटी केन्द्र से प्राप्त होते हैं तो उनका निराकरण समय सीमा में करना होता है। इसकी दिन प्रतिदिन की निगरानी की जाती है। साथ ही यह भी व्यवस्था है कि समय सीमा से वाह्य होने की सीमा वाले प्रकरणों की जानकारी अलर्ट मैसेज के तौर पर संबंधित अधिकारियों को दे दी जाती है। इसके बाद भी जिले में कुछ अधिकारी गंभीर नहीं हैं। ऐसे मामले में आवेदक के शिकायत करने अथवा अपीलीय अधिकारी के संज्ञान मे लेने के बाद संबंधित अधिकारी पर 500 से 5000 रुपए के जुर्माने का प्रावधान है जो संबंधित अधिकारी के वेतन से काट कर आवेदक को दिया जाएगा।
इन अधिकारियों को नोटिस कलेक्टर ने समीक्षा में पाया कि जिले के 16 अधिकारियों के मामले काफी संख्या में समय सीमा से वाह्य होने पर भी लंबित हैं। ऐसे में जिन्हें नोटिस जारी किया गया उनमें बाल विकास परियोजना अधिकारी मैहर नं.1, तहसीलदार मझगवां, बाल विकास परियोजना अधिकारी चित्रकूट नं. 1, सीएमओ नगर पंचायत अमरपाटन, जनपद सीईओ मझगवां, सीएमएचओ सतना, नायब तहसीलदार मझगवां, डिप्टी कलेक्टर ओआईसी रिकार्ड रूम, पंचायत परसवाही अमरपाटन सचिव, एसएडीओ मझगवां, जनपद सीईओ नागौद, जनपद सीईओ रामपुर बाघेलान, एई एमपीईबी सिटी डिवीजन, नगर निगम आयुक्त के प्राधिकृत अधिकारी, अमरपाटन जनपद की पंचायत चोरखड़ी सचिव शामिल हैं। अगर इनका जवाब संतोषजनक नहीं मिलता है तो इनके वेतन से राशि काट कर आवेदकों को दी जाएगी।