विशेष न्यायालय के आदेश पर तीन गवाहों रवि त्रिपाठी, अंकित अग्रवाल और संतराम कुशवाहा को १९ जून को बयान दर्ज कराने समन जारी किया गया था। बुधवार को इन तीनों गवाहों के बयान दर्ज किए गए। रवि त्रिपाठी अर्तरा का रहने वाला है। उसने कोर्ट को बताया कि पदम शुक्ला, लकी तोमर और राजू द्विवेदी ने एक-एक हजार रुपए महीने पर दो कमरे किराए पर लिए थे। वहीं दोनों मासूम प्रियांश और श्रेयांश को छिपाकर रखा था। आरोपियों ने टेंट हाउस से रजाई, गद्दे भी किराए पर लिए थे।
मुंह पर कपड़ा बांधे थे अपहरणकर्ता प्रियांश और श्रेयांश सद्गुरु स्कूल में पढ़ते थे। इस स्कूल में लगे सीसीटीवी कैमरों की मॉनीटरिंग का काम अंकित अग्रवाल और संतराम कुशवाहा करते हैं। दोनों ने कोर्ट को बताया कि वारदात के कुछ ही देर बाद विद्यालय के प्रशासक का उनके पास कॉल आया। उन्होंने बताया कि दो बच्चे स्कूल बस से अगवा कर लिए गए हैं। सीसीटीवी कैैमरे में देखकर हुलिया और किस रास्ते की ओर भागे हैं बताओ। दोनों ने स्कूल परिसर में लगे सीसीटीवी के फुटेज देखे। बताया कि दो युवक बस में चढ़े और बस के दरवाजे को बंद करा दिया। इसके साथ ही सीसीटीवी कैमरे भी बंद हो गए। दोनों एक बाइक पर बच्चों को बैठा कर परिक्रमा मार्ग की ओर भागे हैं।
सीडी और पेन ड्राइव कोर्ट में पेश
अभियोजन की ओर से विशेष न्यायालय में बस और विद्यालय परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज प्रस्तुत किए गए। उसमें बच्चों का अपरहण कर आरोपियों के बाइक से भागने के फुटेज हैं। कोर्ट ने सभी सीडी और पेन ड्राइव कम्प्यूटर में चलवा कर देखे।
अब तक 14 गवाहों के बयान अभियोजन प्रवक्ता फखरुद्दीन ने बताया कि विशेष अदालत में 86 गवाहों की साक्ष्य सूची भी प्रस्तुत की गई है। 29 से 31 मई तक न्यायालय के समक्ष आठ गवाहों के कथन कराए गए। 17 और 19 जून को पांच गवाहों के बयान दर्ज किए गए। अब तक कुल 14 गवाहों के बयान दर्ज करा चुके हैं।
सख्त सुरक्षा के बीच आरोपी पेश
आरोपी पदम शुक्ला पिता रामकर्ण शुक्ला, आलोक उर्फ लकी तोमर पिता सत्येंद्र सिंह उर्फ मुन्ना, विक्रम सिंह पिता प्रहलाद सिंह, राजू द्विवेदी पिता राकेश द्विवेदी, पिंटा उर्फ अपूर्व यादव पिता रामनरेश यादव को विशेष न्यायालय में सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच पेश किया गया।
अब 2, 3 और 4 जुलाई को सुनवाई विशेष न्यायालय में मामले की सुनवाई के लिए 2, 3 और 4 जुलाई की तारीख नियत की गई है। इस दौरान भी रोजाना पांच-पांच गवाहों के कथन होंगे। तीन दिन में पंद्रह गवाहों के कथन होंगे।