सूचना मिलते ही तीन पुलिस पार्टियां मौके के लिए रवाना की गईं। खंडहर के आसपास घेराबंदी की गई। जैसे ही आरोपी राजकुमार दिखा, पुलिस ने समझाया कि हथियार डाल कर आत्मसमर्पण कर दे, नहीं तो मारा जाएगा। आरोपी ने समझाइश के बाद पुलिस पार्टी पर कट्टे से फायर करना शुरू कर दिया। एक गोली एसएन मिश्रा के कान के बगल से निकली, वह बाल-बाल बच गया। उसे फायर नहीं करने की दोबारा हिदायत दी गई पर वह पुलिस पार्टी पर लगातार गोलियां चलाता रहा। जवाब में पुलिस ने भी फायर करना शुरू कर दिया। तभी आरोपी ने अचानक सरेंडर कर दिया।
पुलिस को यह मिला था मौके से 315 बोर और 12 बोर के दो कट्टे, आधा दर्जन खाली खोखे बरामद किए गए। आरोपी के खिलाफ भादवि की धारा 307, 25 व 27 आम्र्स एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कर जांच शुरू की गई। जांच पूरी होने के बाद न्यायालय में चालान पेश किया गया। कोर्ट ने विचारण के दौरान अभियुक्त राजकुमार रावत पिता रघुनंदन रावत उम्र 35 निवासी देवरी कला थाना रामनगर के खिलाफ अपराध प्रमाणित होना पाया। कोर्ट ने अभियुक्त को धारा 307 के तहत दस वर्ष का सजा, पांच हजार जुर्माना, आयुध अधिनियम की धारा 25 (1बी )(ए ) व २27 के तहत तीन-तीन साल की सजा, एक-एक हजार जुर्माना लगाया।
दोहरे आजीवन कारावास की भुगत रहा सजा
29 अपै्रल 2017की रात 12:30 बजे आरोपी राजकुमार रावत दो दसी कट्टा 315 बोर और १12 बोर लेकर देवरीकला स्थित विमल सिंह के घर पहुंच। उसने चारपाई पर सो रहे विजय और विमल को दो कट्टों से एक साथ गोली मार दी। इससे विमल और विजय ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। देररात दोहरे हत्याकाण्ड से गांव में सनसनी फैल गई थी। कोर्ट ने २ नंवबर १८ को आरोपी राजकुमार रावत पिता रघुनंदन रावत उम्र 31 को भादवि की धारा 302 के तहत अपराध प्रमाणित पाए जाने पर विजय बहादुर सिंह की हत्या पर आजीवन कारावास और एक हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया था। इसी प्रकार विमल सिंह की हत्या के लिए भी आजीवन कारावास और एक हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया था।