जब उन्हें पता चला कि इतनी गंभीर घटना के वक्त बिना सूचना के टीआई रीवा चले गए तो नाराज एसपी ने टीआई को निलंबित कर दिया। उधर मैहर से एसडीओपी अरविंद तिवारी को रामनगर भेजते हुए माहौल काबू करने की कोशिश की गई। देर शाम तक उपद्रव करने वाले चार व्यक्तियों को हिरासत में लेते हुए बाकी आरोपियों की तलाश में पुलिस की दबिश जारी रही।
कुछ युवकों ने जमकर उत्पात मचाया सूत्रों के मुताबिक, रामनगर के रीवा रोड पर संचालित निजी कम्प्यूटर कॉलेज के संचालक ने सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया था। इसकी पूर्व से सूचना पुलिस को भी दी गई थी। इस दौरान जब मुहर्रम का जुलूस निकला, तो समाज विशेष के लोगों ने शैक्षणिक संस्थान में चल रहे स्पीकर को बंद कराने के लिए पुलिस को सूचना दी। माहौल को देख पुलिस ने आवाज कम करा दी। लेकिन इसके बाद भी स्पीकर का कनेक्शन कट करते हुए कार्यक्रम में बाधा पहुंचाई और कुछ युवकों ने जमकर उत्पात मचाया। इस बीच दोनों पक्षों की सीधी भिड़ंत हुई और पथराव शुरू हो गया।
कुछ न कर सकी पुलिस
थाना में मौजूद पुलिस एक ओर शांति व्यवस्था कायम करने में जुटी थी तो दूसरी ओर हुए इस पथराव का माहौल सुधारना बड़ी चुनौती थी। टीआई के न रहने पर थाना में मौजूद पुलिस अधिकारी भी निर्णय नहीं ले पा रहे थे कि आखिर करना क्या है? रामनगर में हुई इस घटना की खबर एसपी तक पहुंची तो उन्होंने टीआई की लापरवाही पर फटकार लगाते हुए निलंबित कर दिया और एसडीओपी मैहर अरविंद तिवारी को रवाना किया।
जयशूर को मिली कमान
एसडीओपी तिवारी मंगलवार की रात तक रामनगर में रुके रहे। इस बीच उन्होंने जाहिद, अनास खान, आदिल और इसरार नाम के चार युवकों को हिरासत में लिया। सभी से पूछताछ करते हुए इनके बाकी साथियों की तलाश में दबिश दी जाती रही। एसडीओपी ने बताया कि आशीष द्विवेदी निवासी गोरहाई की रिपोर्ट पर १५ व्यक्तियों के खिलाफ आईपीसी की धारा ४२७, २९४, १४७ के तहत अपराध कायम किया गया है। इधर एसपी हिंगणकर ने रामनगर थाना की कमान उप निरीक्षक योगेन्द्र सिंह जयशूर को सौंपी है। मंगलवार की राम एसआई जयशूर ने नई जिम्मेदारी संभाल ली है।