सीधी और सिंगरौली जिले को विभाजित करने वाली गोपद नदी का यह दृश्य सीधी जिले के ग्राम टिकरी व सिंगरौली जिले के निवास गांव का है। इस स्थान पर गोपद नदी में बना पुल सीधी और सिंगरौली जिले को जोड़ता है। इसी स्थान पर गोपद नदी में जेपी पॉवर प्लांट का बांध है, इसका पानी ऊर्जा उत्पादन में भी उपयोग हो रहा है। इसी नदी में सिंगरौली जिले के सरई तहसील के ग्राम जालपान में जालपान बांध परियोजना प्रस्तावित है, 1200 करोड़ की इस परियोजना से 28000 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी जिसमें 18 हजार हेक्टेयर क्षेत्र सिंगरौली जिले का और करीब 10 हजार हेक्टेयर क्षेत्र सीधी जिले का शामिल है। यानी जिस नदी का पानी अभी तक उर्जा प्रदान करता था वह आगामी समय में सिंचाई के माध्यम से सीधी और सिंगरौली जिले की भूमि को हरा भरा करने व किसानों को खेती को लाभ का धंधा बनाने में भी मददगार होगा।
बॉलीवुड के शोमैन कहे जाने वाले अभिनेता राजकपूर और कृष्णा का विवाह रीवा में हुआ था। उस दौरान कृष्णा के पिता रीवा के आईजी थे। जिस स्थान पर बालीवुड के सबसे चर्चित परिवार की वैवाहिक रस्म अदायगी हुई थी, उस स्थान को कला केन्द्र के रूप में विकसित करने की योजना है। 14.34 करोड़ रुपए की लागत से यहां आधुनिक आडिटोरियम बनाया जा रहा है। जहां पर रंगमंच के बड़े कार्यक्रम होंगे। इसका निर्माण हाउसिंग बोर्ड करा रहा है, निर्माण पूरा होने के बाद रखरखाव का काम नगर निगम को सौंपा जाएगा। अप्रैल में रीवा में आयोजित किए जाने वाले विंध्य महोत्सव में इसका लोकार्पण होगा। इसका शिलान्यास राजकपूर के बड़े पुत्र रणधीर कपूर ने किया था। उन्होंने आश्वास्त किया था कि लोकार्पण के समय वह परिवार के अन्य सदस्यों को भी लेकर आएंगे।
विंध्य के ड्रीम प्रोजेक्ट रीवा सिंगरौली रेलवे लाइन के पहले चरण में जमीन पर उतारने वाला वर्ष। रेलवे ने वर्ष 2018 के पहले चरण में इसी साल रीवा से गोविंदगढ़ तक ट्रेन दौडऩे का लक्ष्य निर्धारित किया। इसके लिए कार्य भी तेज हो गया है। रीवा-सीधी-सिंगरौली 2220 करोड़ की से 165 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन बिछाई जानी है। इनमें 11 स्टेशन का निर्माण होगा। इस दौरान पहाड़ काटकर 14 सुरंग बनाई जाएंगी। इन सुरंगों द्वारा ट्रेन पहाड़ के नीचे से गुजरेगी। इनमें सबसे लंबी टनल 4 किलोमीटर छुहिया घाटी में बनाई जानी है। वर्ष 2018 में इस टनल का कार्य भी प्रांरभ होगा। सिलपरा एवं गोविंदगढ़ में आवासीय भवन व स्टेशन का कार्य प्रांरभ हो गया। वहीं अर्थवर्क का कार्य पूर्ण होने के बाद लाइन बिछाने कार्य तेजी से प्रांरभ कर दिया जाएगा।
लंबे समय के बाद विंध्य में उच्च व तकनीकी शिक्षा की तस्वीर बदलेगी। योजना के मुताबिक कार्य हुआ तो 2018 में एपीएस विश्वविद्यालय व शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज की बदली तस्वीर देखने को मिलेगी। नए वर्ष में अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में आधा दर्जन से अधिक विभाग व पं. दीनदयाल उपाध्याय सुशासन एवं लोक नीति केंद्र,-कुशाभाऊ ठाकरे भारतीय विद्या एवं शोध केंद्र जैसे शोध केंद्रों की स्थापना होगी। इसके साथ विंध्य क्षेत्र के इकलौते शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में कंप्यूटर साइंस व इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी जैसे ब्रांच शुरू होने की उम्मीद है। इसके लिए स्वीकृत मिल गई है, अब एआईसीटीई से हरी झंडी मिलना बाकी है। कंप्यूटर साइंस व इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में 60-60 सीटों का प्रस्ताव है।
विन्ध्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये बाणसागर डैम को भी पर्यटन नक्शे में शामिल करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिये शासन स्तर से आदेश भी जारी हो चुके हैं। मार्च माह में मध्य प्रदेश शासन द्वारा बाणसागर बांध में क्रूज, स्टीमर, वोट चलाने की अनुमति दी जा चुकी है। इसके लिये निजी कंपनियों को लाइसेंस जारी किये जाएंगे। हनुवंतिया टापू को विकसित करने के बाद वहां सफलतापूर्वक पर्यटन गतिविधियां संचालित होने के बाद विभाग ने अब बाणसागर के लिये भी नोटिफिकेशन जारी कर यहां पर्यटन गतिविधियों के लिये चिह्नित कर दिया गया है।
चित्रकूट के जंगल में एक टाइगर रिजर्व बनाने की तैयारी है। पन्ना नेशनल पार्क में बाघ ज्यादा होने के बाद आए दिन वहां से चित्रकूट के जंगलों में पहुंचने के बाद वन विभाग एक टाइगर रिजर्व की तैयारी कर रहा है। इसमें सतना जिले के भी गांव शामिल हो सकते हैं। रिजर्व बनने से चित्रकूट से लगी देवांगना घाटी भी पर्यटकों के लिये आकर्षण का केंद्र बन सकेगी। इससे लगे अमरावती, धारकुण्डी, मारकुण्डी, सरभंगा व सुतीक्षण आश्रम भी आकर्षण बनेंगे। वन विभाग ने प्रस्ताव भेज दिया है। राज्य वन्य जीव सलाहकार परिषद की मंजूरी के बाद इस पर काम होगा।
देश में जो पांच नये इण्डस्ट्रियल कॉरीडोर बन रहे हैं उनमें बनारस-रीवा-सतना-जबलपुर इण्डस्ट्रियल कॉरीडोर का प्रस्ताव सरकार की पाइप लाइन में है। इस संबंध में मंत्री राजेन्द्र शुक्ला और सांसद गणेश सिंह केन्द्रीय मंत्रालय में अपना प्रस्तुतिकरण दे चुके हैं और केन्द्रीय मंत्री द्वारा इस पर सहमति जताई गई है। सांसद गणेश सिंह ने बताया कि इस इण्डस्ट्रियल कारीडोर बनने से यहां विकास की नई राहे खुलेंगी। बाणसागर डैम से निकट होने पर यहां जल आधारित उद्योग भी स्थापित हो सकेंगे तो कई इण्डस्ट्रियल पार्क को इस कॉरीडोर से जोड़ा जाएगा।