सर्दियों के मौसम के फलों में अनेक औषधीय तत्व होते हैं। कुछ फलों को दोपहर बाद नहीं खाना चाहिए। शहर के डॉक्टरों की मानें तो गैस के रोगी मूली के पत्तों की भाजी बना कर खाएं तो बहुत लाभ होगा। कमजोर व अनेक रोगों से ग्रस्त लोग बथुआ की भाजी रोज खाएं। धनिया पत्ती, पुदीना पत्ती, सेंधा नमक, अमरूद, आंवला, मुनगा की पत्तियां, हरी मिर्च की चटनी खाएंगे तो अनेक रोग दूर हो रहेंगे। सर्दियों में त्वचा खुश्क हो जाती है, इसलिए तिल, गुड़, मूंगफ ली की पट्टी भी फायदेमंद है।
सर्दी के मौसम में अग्नि प्रदीप्त रहती है। हम जो खाते हैं वह सुगमता से पच जाता है। फलों का सेवन दोपहर तक ही करना बेहतर है। पौष्टिक आहार हमें मौसम के संक्रमण से लडऩे की शक्ति प्रदान करता है। घी युक्त भोजन, तिल, गुड़, मूंगफली का नियमित सेवन करना चाहिए।
1- अमरूद: भोजन के एक घंटे बाद पका अमरूद अवश्य खाएं। पेट के अधिकांश लोग इससे दूर होते हैं। अमरूद खाने से आंत साफ होती है। पेट हल्का लगता है। अमरूद की चटनी भी खाई जा सकती है।
2- गाजर: पेट के रोगियों के लिए वरदान है गाजर। अमरूद से भी अच्छा देसी गाजर है। इसे चबाकर खाना चाहिए। गाजर खाने व पालक रस पीने से आंखों के रोग दूर भागते हैं।
3- आंवला: अमृत तुल्य होता है आंवला। यह रसायन औषधि है जो बुढ़ापा की व्याधियों को कम करता है। कच्चे आंवला की चटनी या दाल में डालकर खाइए। आंवला संपूर्ण शरीर का पोषण करता है। रक्त के लिए सर्वश्रेष्ठ औषधि है।
4- सीताफल: सीताफल की तासीर ठंडी होती है। इसलिए धूप रहते दिन में ही खाइए, नहीं तो सर्दी जुकाम का डर होगा। यह उत्तम कैल्शियम और ऊर्जा दायक होता है।
5- खजूर: सीजन में शहर में खजूर की खूब बिक्री हो रही है। रक्तवर्धक, पौष्टिक, बलवर्धक खजूर अवश्य खाना चाहिए। सूखे खजूर छुहारे के रूप में मिलते हैं जो दूध में उबालकर खाए जाते हैं।
6- बेर और नींबू: बेर अरुचि को दूर करती है। स्वादिष्ट पौष्टिक और भूख बढ़ाने में उपयोगी होती है। नींबू में विटामिन सी की मात्रा पर्याप्त होती है।
7- पपीता: पपीता से पाचन तंत्र सुधरता है। जिन्हें पित्त विकार है उन्हें पपीता नहीं खाना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को भी पपीता नहीं खाना चाहिए।
8- केला: केला कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक जैसे पौष्टिक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं। पेचिश में केला फायदेमंद है, लेकिन अधिक मात्रा में खाने से पाचन प्रक्रिया प्रभावित होती है।
9- सिंघाड़ा: सिंघाड़ा हड्डियों को मजबूत करता है। महिलाओं-पुरुषों दोनों के लिए बहुत लाभदायक होता है। सिंघाड़े के आटे का देसी घी में हलुवा बनाकर खाना चाहिए। यह महिलाओं के गर्भाशय को पुष्ट करता है।
10- मूंगफली: कच्ची मूंगफ ली प्रोटीन प्राप्त करने का उत्तम स्त्रोत है। सर्दी के सीजन में ऐसे गठियाबात सहित कई बीमारियों में फायदा प्राप्त होता है।