इस संबंध में हाल ही में संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा बीकानेर ने प्रदेशभर के सभी संस्था प्रधानों को आदेश जारी कर दिया है। इसमें सरकारी व गैर सरकारी विद्यालयों के साथ संस्था प्रधानों का भी जिक्र किया गया है। अधिकांश गैर राजकीय विद्यालयों में पहले से ही इस तरह की व्यवस्था लागू है। यह पाबंदी न केवल राजकीय विद्यालयों के शिक्षकों पर रहेगी बल्कि गैर शैक्षणिक कार्यों में लगे कर्मचारियों पर भी रहेगी।
शिक्षा विभाग की टीम भी करेगी निरीक्षण
स्कूलों में अभिभावकों व विद्यार्थियों की शिकायतों के बाद भी शिक्षक व कर्मचारी मोबाइल का इस्तेमाल करते हंै। लेकिन अब शिक्षा विभाग की पूरी टीम भी निरीक्षण के दौरान ऐसे शिक्षक व कार्मिकों पर नजर रखेगी। ऐसा करते पाए जाने पर सख्त कार्रवाई करेगी।
ऐसे होते हैं कालांश प्रभावित
स्कूल समय पर कई बार शिक्षक व कर्मचारी सोशल मीडिया पर कई घंटे गुजार देते है। इसका असर शिक्षण व्यवस्था पर पड़ता है। अध्यापन के दौरान मोबाइल पर ध्यान रहने से गंभीरता से पढ़ाई नहीं हो पाती।
अनुशासनात्मक होगी कार्रवाई
संस्था प्रधाानों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे आदेशों की पालना करवाए। यदि उच्चाधिकारियों के निरीक्षण के दौरान शिक्षक या अन्य कार्मिक मोबाइल फोन का उपयोग करते मिलता है, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसके लिए संस्था प्रधान व संबंधित कार्मिक जिम्मेदार होगा।
इनका कहना है
विद्यार्थियों के बाद अब शिक्षक-कार्मिकों के स्कूल समय में मोबाइल इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी गई है। यदि स्कूल समय में शिक्षक व कार्मिक मोबाइल का उपयोग करते पाया गया तो नोटिस व चार्जशीट देने की कार्रवाई की जाएगी।
कैलाशचंद गुप्ता, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक, सवाईमाधोपुर
विद्यार्थियों के बाद अब शिक्षक-कार्मिकों के स्कूल समय में मोबाइल इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी गई है। यदि स्कूल समय में शिक्षक व कार्मिक मोबाइल का उपयोग करते पाया गया तो नोटिस व चार्जशीट देने की कार्रवाई की जाएगी।
कैलाशचंद गुप्ता, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक, सवाईमाधोपुर