…आखिर क्यों फाइलों में दफन सिटी फोरेस्ट का सपना
…आखिर क्यों फाइलों में दफन सिटी फोरेस्ट का सपना
पर्यावरण को सहेजने के लिए केन्द्रीय वन मंत्रालय की है नगर वन योजनाशहरों में वन विकसित करने की योजनाकोरोना काल के बाद जरूरत हुई महसूस
…आखिर क्यों फाइलों में दफन सिटी फोरेस्ट का सपना
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…आखिर क्यों फाइलों में दफन सिटी फोरेस्ट का सपना
पर्यावरण को सहेजने के लिए केन्द्रीय वन मंत्रालय की है नगर वन योजना
शहरों में वन विकसित करने की योजना
कोरोना काल के बाद जरूरत हुई महसूस
रमेश शर्मा
सवाईमाधोपुर. पर्यावरण को सहेजने के लिए बना केन्द्रीय वन मंत्रालय का ‘नगर वनÓ का प्रस्ताव अनेक जिलों में सिर्फ फाइलों में कैद है। शहरों में बढ़ते प्रदूषण और सैर के लिए सीमित पार्कों को देखते हुए शहरी क्षेत्रों मे वन विकसित करने की योजना बनाई गई ताकि लोग सुकून महसूस कर सकें। इसके तहत वर्ष 2024 तक देशभर में चार सौ नगर वन और दो सौ नगर वाटिका विकसित करने का लक्ष्य रखा गया। योजना को दो बार विस्तार देकर बदलाव भी किए गए, लेकिन स्थानीय निकायों के रुचि नहीं लेने से काम को गति नहीं मिल रही। कई जगह वन विभाग और स्थानीय निकाय प्रशासन के बीच सिर्फ पत्राचार चल रहा है और योजना पर अमल होने का इंतजार हो रहा है।
कोरोना के बाद बढ़ी जरूरत
कोरोना के बाद ऑक्सीजन के महत्व को देखते हुए शहरी क्षेत्रों में पर्यावरण को सहेजने की ज्यादा जरूरत महसूस हुई है। बढ़ते शहरीकरण से जंगल खत्म हो रहे हैं। ऐसे में लोगों को यह एहसास कराने की जरूरत है कि हमारे लिए वन और प्रकृति कितनी जरूरी है। केंद्र सरकार ने नगर वन योजना नाम से इन्हें फिर से विकसित करने की एक नई पहल शुरू की है। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने नगर वन योजना को व्यावहारिक बनाने के लिए हाल ही इसके गाइडलाइन में भी बदलाव किए।
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