गंगापुर एवं वजीरपुर उपखंड क्षेत्र में किसान खेतों में कटी पड़ी फसल में तीस से चालीस प्रतिशत नुकसान बता रहे हैं। हालांकि कृषि विभाग का आकलन इससे कम है। किसानों का कहना है कि खेतों में कटी पड़ी गेहूं की फसल बारिश से भीग गई है। इससे उत्पादन घटेगा। साथ ही भूसा भी खराब होने की आशंका है। फसल उठाव में अब कई दिन की देरी हो सकती है। इससे किसानों के चेहरे पर मायूसी देखी जा रही है। उधर कृषि विभाग का कहना है कि जिन फसलों का बीमा है, उन्हें निजी कंपनी सर्वे के बाद नुकसान के हिसाब से पैसा देगी। इससे इतर प्रशासन की ओर से भी किसानों की शिकातयों के बाद सर्वे कराया जा सकता है।
किसान हो रहे मायूस
वजीरपुर . उपखंड क्षेत्र में मंगलवार को हुई बारिश से किसानों की फसलों को खासा नुकसान हुआ है। मौसम में हुए अचानक बदलाव के साथ अंधड़ व बारिश आने से उपखंड क्षेत्र में किसानों में खासी मायूसी है। क्षेत्र के किसान रामफल मीणा एवं रामकली देवी ने बताया कि बारिश के चलते गेहूं व चने की फसलों में 30 से 40 प्रतिशत नुकसान हुआ है। बारिश का दौर रात भर रुक-रुक कर चलता रहा। इससे खलियान में रखी हुई गेहूं की फसल खराब हो गई। वहीं तेज अंधड़ चलने से गांव के मुख्य सडक़ पर दो पेड़ धराशायी हो गए। गनीमत यह रही कि कोई आसपास मौजूद नहीं था। बडौली के पुरा के पास हिंडौन-गंगापुर मार्ग पर पानी जमा हो गया। इससे राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
दीवार गिरी, नुकसान
कस्बे में ईदगाह के पास मंगलवार को तेज अंधड़ व बारिश के चलते एक निर्माणाधीन की दुकानों की दीवार गिर गई। कस्बे के अमजद खान की निर्माणाधीन दुकानों की दीवार गिरने से काफी नुकसान हुआ है।
बारिश के चलते कांटे पर दो दिनों से तुलाई बंद
बामनवास . क्रय-विक्रय सहकारी समिति की ओर से यहां उपखण्ड मुख्यालय पर संचालित सरकारी खरीद केन्द्र पर पिछले दो दिनों से तुलाई कार्य बंद है। बारिश के चलते प्लेटफार्म पर पानी भर जाने से केवीएसएस द्वारा किसानों की चने तथा सरसों की जिंस की तुलाई नहीं की जा रही है। खरीद केन्द्र प्रभारी के अनुसार समर्थन मूल्य पर चल रहे कांटे पर मंगल तथा बुधवार को बारिश के चलते तुलाई नहीं हो पाई। केन्द्र पर अब तक तौले गए माल को सुरक्षित रखवाया गया है। उन्होंने बताया कि खराब मौसम के चलते आगामी दिनों में भी तुलाई कार्य बंद रहेगा। तुलाई शुरू होने की सूचना किसानों को दे दी जाएगी।
इनका कहना है
क्षेत्र में कुछ जगह फसलें खेतों में पड़ी हैं। इनमें नुकसान की आशंका है। सुपरवाइजर एवं प्रशासन इनका आंकलन कर रहे हैं। फसलों का बीमा कराने वाले किसान बीमा कंपनी को इससे अवगत करा सकते हैं।
– गोपाल शर्मा, कृषि अधिकारी गंगापुरसिटी