script‘बजट ‘ ने काटी बेटियों के पोषण की डोर | 'Budget' nurtures the nurturing of daughters | Patrika News
सवाई माधोपुर

‘बजट ‘ ने काटी बेटियों के पोषण की डोर

‘बजट ‘ ने काटी बेटियों के पोषण की डोर

सवाई माधोपुरJan 05, 2019 / 03:33 pm

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सामान्य चिकित्सालय गंगापुरसिटी।

गंगापुरसिटी. सामान्य चिकित्सालय गंगापुरसिटी।

गंगापुरसिटी. सरकार की बेटियों को बढ़ावा देने की मंशा बिना बजट तार-तार हो रही है। पिछले चार माह से बेटियां राजश्री योजना के लाभ से महरूम हैं। बेटी के जन्म पर मिलने वाली राशि बेटियों को अगस्त माह से नहीं मिल रही है। इसके चलते अभिभावक अस्पताल के चक्कर काटते नजर आ रहे हैं।आलम यह है कि बेटियों के जन्म पर मिलने वाले प्रथम किस्त के करीब 1300 एवं द्वितीय किश्त के 1100 मामलों का भुगतान बाकी है। जिम्मेदार बजट की कमी का हवाला देकर भुगतान अटकने की बात कह रहे हैं। इसके चलते प्रसूताओं को बेटियों के बेहतर पालन-पोषण के लिए योजना के तहत मिलने वाली राशि के लिए अस्पतालों में भटकना पड़ रहा है। बजट के अभाव में सरकार की बेटियों को बढ़ावा देने की मुहिम दम तोड़ती नजर आ रही है।

यह है योजना
राज्य सरकार की ओर से बेटियों को बढ़ावा देने के लिए ‘राजश्रीÓ योजना लागू की गई है। इसमें बेटियों की बेहतर देखभाल के लिए प्रसूता के खाते में किस्त जमा कराई जाती हैं। बेटी के जन्म से लेकर 12वीं कक्षा तक बेटी की पढ़ाई, स्वास्थ्य व देखभाल के लिए अभिभावक को 50 हजार रुपए तक की आर्थिक सहायता मिलती है। प्रसूता की ओर से अस्पताल में डिस्चार्ज टिकट, भामाशाह कार्ड, बैंक पास-बुक एवं ममता कार्ड आदि जमा कराने पर राज्य सरकार की ओर से प्रसूता के खाते में प्रोत्साहन राशि डाली जाती है।

ऐसे मिलता है लाभ
राजकीय अथवा पंजीकृ त अस्पताल में जन्म लेने वाली बेटियों को जन्म पर 2500 रुपए, जन्म के एक साल बाद टीकाकरण पूर्ण होने पर 2500 रुपए, पहली कक्षा में प्रवेश पर 4000 हजार रुपए, छठी कक्षा में प्रवेश पर 5000 हजार, 10वीं में प्रवेश लेने पर 11000 रुपए एवं 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने पर 25000 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि सरकार की ओर से दी जाती है।
कैस 1
काजी कॉलोनी निवासी रामेश्वर ने बताया कि उसकी बेटी का जन्म 15 सितम्बर को हुआ। योजना का लाभ लेने के लिए सभी कागजात अस्पताल में जमा करा दिए, लेकिन कुछ माह बाद किस्त नहीं आने पर अस्पताल में सम्पर्क किया तो कर्मचािरयों ने बताया कि आगे से बजट नहीं आ रहा है। इसके चलते भुगतान नहीं मिल पा रहा।
कैस 2
दशहरा मैदान निवासी सिकंदर ने बताया कि ने बताया कि अगस्त माह में पत्नी ने सरकारी अस्पताल में बेटी को जन्म दिया था। बैंक जाकर खाते की जानकारी लेने पर मालूम हुआ कि खाते में जेएसवाई योजना के तहत 1000 रुपए की राशि जमा हुई है। राजश्री योजना की किस्त जमा नहीं हुई है। तब से अस्पताल के कई चक्कर काट चुके हैं।

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