scriptराहुल गांधी के रात्रि विश्राम के लिए उजाड़नी होगी 10 बीघा फसल | Crop from 10 bighas will have to be destroyed, no talk on compensatio | Patrika News
सवाई माधोपुर

राहुल गांधी के रात्रि विश्राम के लिए उजाड़नी होगी 10 बीघा फसल

सवाईमाधोपुर जिले में भारत जोड़ो यात्रा के काफिले और राहुल गांधी के रात्रि विश्राम के लिए भाड़ौती टोल प्लाजा के समीप चिन्हित भूमि पर फसल है। उनके रात में ठहराव के प्रबंध करने 10 बीघा के क्षेत्र में फैली फसल को उजाड़ना होगा।

सवाई माधोपुरNov 30, 2022 / 03:43 pm

Surendra

उजाडऩी होगी 10 बीघा से अधिक फसल, मुआवजे पर नहीं बनी बात

उजाडऩी होगी 10 बीघा से अधिक फसल, मुआवजे पर नहीं बनी बात

 

सुरेन्द्र चतुर्वेदी- अब्दुल माहिर। सवाईमाधोपुर जिले में भारत जोड़ो यात्रा के काफिले और खुद राहुल गांधी के रात्रि विश्राम के लिए भाड़ौती टोल प्लाजा के समीप चिन्हित की गई भूमि पर गेहूं-चना की फसल उग रही है। उनके रात में ठहराव के प्रबंध करने के लिए लगभग 10 बीघा के क्षेत्र में फैली फसल को उजाडऩा होगा। किसानों को इस नुकसान के बदले दिए जाने वाले मुआवजे की सौदेबाजी करने में प्रशासन तथा कांग्रेस के पदाधिकारी जुटे हुए हैं लेकिन बात अभी बन नहीं पाई है। उल्लेखनीय है कि भारत जोड़ो यात्रा का कोटा-लालसोट मेगा हाइवे पर सवाईमाधोपुर जिले में भाड़ौती टोल प्लाजा के पास रात्रि विश्राम प्रस्तावित है। इसकें लिए मेगा हाइवे के दोनों तरफ 10 बीघा से अधिक भूमि चिन्हित की गई है। चिन्हित भूमि पर टैंट लगाए जाने हैं जिनमें राहुल गांधी सहित यात्रा में शामिल संगठन के बड़े नेता रात्रि विश्राम करेंगे।


कांग्रेस के नेताओं ने भाड़ौती क्षेत्र में जो 10 बीघा भूमि ठहराव के लिए पसंद की है, उसमें एक तरफ सरसों व गेंहू की फसल उग रही है, जिसे अगले एक सप्ताह में उजाड़ दिया जाएगा। हालांकि कांग्रेस संगठन किसानों को फसल के नुकसान का मुआवजा देगा लेकिन मुआवजे को लेकर अभी बात बन नहीं सकी है। सूत्रों के अनुसार किसानों से मुआवजा राशि को लेकर सौदेबाजी चल रही है । इस बीच राजस्व अधिकारियों के माध्यम से किसानों से उनकी मुआवजा राशि की मांग लिखित में ली गई है।हाइवे के दूसरी तरफ पड़त भूमि है।

किसान मांग रहे अलग- अलग मुवावजा

रात्रि विश्राम को चिन्हित भूमि में से 3 बीघा भूमि पर गेहूं की फसल कर रहे किसान हरिराम ने कांग्रेस संगठन से एक लाख रुपये प्रति बीघा की दर से 3 लाख रुपए की मुवावजा राशि मांगी है। हरिराम के अनुसार एक बीघा में लगभग 20 क्विंटल गेहूं होता है और एक बीघा में लगभग 25 हजार रुपए का तूड़ा बिक जाता है। परिवार के पास खाने के लिए ये गेहूं की खेती ही आधार है। ऐसे में वह एक लाख रुपए प्रति बीघा से कम के मुआवजे में अपनी भूमि नहीं देगा। इस बारे में एसडीएम को लिखित अपनी डिमांड दे दी है।

इसी प्रकार किसान हरपाल का कहना है कि उसकी भूमि पर सरसों व गेहूं की फसल बो रखी है। उसने 55 हजार रुपए प्रति बीघा का मुआवजा मांगा है। उसने बताया एक बीघा में 7 क्विंटल सरसों व 16 से 20 क्विंटल गेंहू की पैदावार होती है। तूड़ा कितना महंगा मिलता है, ये सब जानते है। मेरे को मुवावजा नहीं दिया तो फसल नहीं उजाडऩे दूंगा। किसान रासबिहारी ने भी 60 हजार रुपए बीघा मुआवजे की लिखित मांग की है। रासबिहारी ने बताया कि वह अपनी 4 बीघा से अधिक खातेदारी भूमि में गेहूं की बुवाई करता, लेकिन प्रशासन ने उचित मुवावजा दिलाने की कहकर बुवाई करने से रोक दिया था।

इनका कहना है….

किसानों की जो डिमांड आई है, उसे सवाईमाधोपुर उपखण्ड अधिकारी को भेजा गया है। मुआवजा संगठन स्तर पर ही दिया जाएगा। प्रधान देवपाल मीना अभी बाहर है। वह किसानों व संगठन के बीच मुआवजे को लेकर समझाइश करेंगे।

किशन मुरारी मीना, उपखण्ड अधिकारी मलारना डूंगर

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