कांग्रेस के नेताओं ने भाड़ौती क्षेत्र में जो 10 बीघा भूमि ठहराव के लिए पसंद की है, उसमें एक तरफ सरसों व गेंहू की फसल उग रही है, जिसे अगले एक सप्ताह में उजाड़ दिया जाएगा। हालांकि कांग्रेस संगठन किसानों को फसल के नुकसान का मुआवजा देगा लेकिन मुआवजे को लेकर अभी बात बन नहीं सकी है। सूत्रों के अनुसार किसानों से मुआवजा राशि को लेकर सौदेबाजी चल रही है । इस बीच राजस्व अधिकारियों के माध्यम से किसानों से उनकी मुआवजा राशि की मांग लिखित में ली गई है।हाइवे के दूसरी तरफ पड़त भूमि है।
किसान मांग रहे अलग- अलग मुवावजा
रात्रि विश्राम को चिन्हित भूमि में से 3 बीघा भूमि पर गेहूं की फसल कर रहे किसान हरिराम ने कांग्रेस संगठन से एक लाख रुपये प्रति बीघा की दर से 3 लाख रुपए की मुवावजा राशि मांगी है। हरिराम के अनुसार एक बीघा में लगभग 20 क्विंटल गेहूं होता है और एक बीघा में लगभग 25 हजार रुपए का तूड़ा बिक जाता है। परिवार के पास खाने के लिए ये गेहूं की खेती ही आधार है। ऐसे में वह एक लाख रुपए प्रति बीघा से कम के मुआवजे में अपनी भूमि नहीं देगा। इस बारे में एसडीएम को लिखित अपनी डिमांड दे दी है।
इसी प्रकार किसान हरपाल का कहना है कि उसकी भूमि पर सरसों व गेहूं की फसल बो रखी है। उसने 55 हजार रुपए प्रति बीघा का मुआवजा मांगा है। उसने बताया एक बीघा में 7 क्विंटल सरसों व 16 से 20 क्विंटल गेंहू की पैदावार होती है। तूड़ा कितना महंगा मिलता है, ये सब जानते है। मेरे को मुवावजा नहीं दिया तो फसल नहीं उजाडऩे दूंगा। किसान रासबिहारी ने भी 60 हजार रुपए बीघा मुआवजे की लिखित मांग की है। रासबिहारी ने बताया कि वह अपनी 4 बीघा से अधिक खातेदारी भूमि में गेहूं की बुवाई करता, लेकिन प्रशासन ने उचित मुवावजा दिलाने की कहकर बुवाई करने से रोक दिया था।
इनका कहना है….
किसानों की जो डिमांड आई है, उसे सवाईमाधोपुर उपखण्ड अधिकारी को भेजा गया है। मुआवजा संगठन स्तर पर ही दिया जाएगा। प्रधान देवपाल मीना अभी बाहर है। वह किसानों व संगठन के बीच मुआवजे को लेकर समझाइश करेंगे।
किशन मुरारी मीना, उपखण्ड अधिकारी मलारना डूंगर