बच्चा वार्ड में भर्ती रोगियों के परिजनों ने बताया कि मंगलवार को एक वार्ड के प्रभारी का डे ऑफ था, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने उन्हें कुछ देर के लिए वार्ड में बुलाकर जबरन 55 रोगियों को इलाज पूरा नहीं होने से पूर्व ही डिस्चार्ज कर दिया। ऐसे में डिस्चार्ज रोगियों को निजी अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। उन्होंने जिला कलक्टर व चिकित्सा मंत्री से इलाज पूरा होने के बाद रोगियों को डिस्चार्ज करने की मांग की है।
स्टाफ केबिन में आकर चढ़वा रहे ड्रिप, लगवा रहे इंजेक्शन
बच्चा वार्ड में स्टाफ की कमी के चलते वर्तमान में वार्ड में भर्ती रोगियों के परिजन रोगियों के ड्रिप चढ़वाने, इंजेक्शन लगवाने तथा दवा लेने के लिए वार्ड में बनी नर्सिंग स्टाफ केबिन में आकर उपचार ले रहे है। ऐसे में दिनभर नर्सिंग स्टाफ केबिन पर रोगी व परिजनों का जमावड़ा रहता है।
अस्पताल प्रशासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार 39 नए बच्चे रोगियों को भर्ती किया गया, जबकि पहले से बेड फुल थे।
&मौसमी बीमारियों के प्रकोप के चलते बच्चा वार्ड में क्षमता से अधिक रोगी भर्ती है। अलग वार्ड बनाने के लिए स्टाफ व बेड की जरूरत है, लेकिन अस्पताल में स्टाफ व संसाधनों की कमी है। जो रोगी ठीक हो गए है। उन्हें डिस्चार्ज कर रहे है। ताकि वार्ड में भीड़ न हो लेकिन वे जाना ही नहीं चाहते है। ऐसे में अव्यवस्था हो रही है। स्टाफ व संसाधनों के लिए उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया है।
डॉ. रंगलाल मीणा, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, जिला अस्पताल सवाईमाधोपुर।