उन्होंने कहा कि जब तक यह नहीं होता है तब हमारा आंदोलन चलता रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार न्यायालय की पूरी प्रक्रिया करने की जिम्मेदारी ले। इससे पहले आइएएस अधिकारी नीरज के पवन बिल व नोटिफिकेशन की ऑफिशियल कॉपी लेकर पहुंचे।
इसके बाद संघर्ष समिति ने विधि विशेषज्ञो की मौजूदगी में इस बिल का अध्ययन किया गया। अध्ययन के बाद ट्रैक पर ही इसको पढ़कर सुनाया गया। समाज के लोगों की राय के बाद कर्नल बैंसला ने यह फैसला लिया।
वहीं, गुर्जर संषर्घ समिति के प्रवक्ता ने बयान देते हुए कहा कि सरकार ने बिल पास करने में देरी कर दी। 9वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र को भेजा जाएगा विधयेक, लेकिन अब लोकसभा का सत्र खत्म हो गया है। ऐसे में केंद्र में पास कैसे होगा।
इससे पहले सरकार की पहल को गुर्जरों से अवगत करवाने के लिए आईएएस अफसर नीरज के पवन मलारना डूंगर स्थित रेलवे ट्रेक पर बने पड़ाव स्थल पर पहुंचे। पवन ने गुर्जरों को आरक्षण सम्बन्धी बिल की कॉपी दिखाई और इसकी वैधानिकता और महत्ता के बारे में अवगत करवाया।
बैंसला और गुर्जर प्रतिनिधिमंडल से ट्रेक पर ही हुई बातचीत के बाद पवन वापस लौट गए। आंदोलन की अगुवाई कर रहे कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने बिल का अध्ययन किया और साथ ही विधिक राय भी ली।
बता दें कि राज्य सरकार ने बुधवार देर रात गुर्जर सहित पांच जातियों के लिए 5 फीसदी आरक्षण लागू कर दिया। अब प्रदेश में कुल आरक्षण 54 फीसदी हो गया है। राज्यपाल से मंजूरी के बाद इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई। इससे पहले विधानसभा ने अति पिछड़ा वर्ग को 5 फीसदी आरक्षण का विधेयक पारित किया। जिसे रात को राज्यपाल ने मंजूरी दी।