यह मांग-आपूर्ति गणित
विभागीय सूत्रों के अनुसार शहर में जलापूर्ति के लिए विभाग को 125 लाख लीटर पानी की आवश्यकता होती है, लेकिन विभाग मांग की तुलना में आधा पानी भी आपूर्ति कर पा रहा है। विभाग को नलकूपों से 46 लाख लीटर और चम्बल परियोजना से 10 से 12 लाख लीटर पानी ही मिल पा रहा है। आधी मात्रा में पानी उपलब्ध होने के चलते पानी की समस्या बनी हुई है।
टेंकर मंगा रहे लोग
शहर के कई इलाकों में अभी तक पाइप लाइन नहीं है। हालांकि अमृत योजना के तहत पाइप लाइन डाली जा रही है, लेकिन इन क्षेत्र की कॉलोनियों के लोग टेंकर मंगा कर पानी की व्यवस्था कर रहे हैं। जलदाय विभाग की ओर से भी टेंकरों से जलापूर्ति की जाती है, लेकिन अभी यह शुरू नहीं हो पाई है। हालांकि विभाग की ओर से इसके प्रस्ताव भेज दिए गए हैं।
गांव भी नहीं अछूते
पेयजल समस्या शहर में ही नहीं है। गांव भी इस समस्या से अछूते नहीं है। महूकलां के कई वार्डों में लम्बे समय से पेयजल समस्या बनी हुई है। महूकलां सहित महूखुर्द, बैंक कॉलोनी, रेवन्नीपुरा, आमलीपुरा आदि स्थानों पर जल संकट व्याप्त है। बड़ी उदेई भी पेयजल समस्या से ग्रस्त है। इसके चलते आए दिन उपखंड अधिकारी कार्यालय में ज्ञापन देने के लिए पहुंचते हैं। पंचायत समिति और नगर परिषद की बैठकों में भी पेयजल समस्या के मुद्दे उठते है, लेकिन स्थायी समाधान होता नजर नहीं आ रहा है।
जाम तक की नौबत
पेयजल समस्या के चलते जाम तक की नौबत सामने आने लगी है। गत १८ अप्रेल को समस्या से परेशान बैरवा बस्ती, रैगर बस्ती व हरिजन मोहल्ले की महिलाओं ने रेलवे स्टेशन बजरिया में जाम लगा दिया। इससे यातायात बाधित हो गया। पुलिस व जलदाय विभाग अभियंता की समझाइश पर करीब आधा घंटे बाद महिलाओं ने जाम हटाया। गत वर्ष भी पानी की समस्या को लेकर शहर के अलग-अलग इलाकों में जाम लगाए गए थे।
एक नजर में आंकड़े
48 नलकूल
46 लाख लीटर नलकूप से उत्पादन
12 लाख लीटर चम्बल परियोजना से
125 लाख लीटर की आवश्यकता
प्रयास कर रहे है
आवश्यकता से कम पानी है। इसके बाद भी विभाग द्वारा नियमित व सूचारू आपूर्ति की जा रही है। फिलहाल टेंकर शुरू नहीं हुए हैं।
-डी. एल. सैनी, सहायक अभियंता, जलदाय विभाग गंगापुरसिटी