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सवाई माधोपुर

सेहत से ‘खिलवाड़Ó, 16 नमूने फेल, 10 की रिपोर्ट आना बाकी

सेहत से ‘खिलवाड़Ó, 16 नमूने फेल, 10 की रिपोर्ट आना बाकी

सवाई माधोपुरDec 03, 2021 / 07:44 pm

Subhash Mishra

सेहत से 'खिलवाड़Ó, 16 नमूने फेल, 10 की रिपोर्ट आना बाकी

सवाईमाधोपुर. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय।

सवाईमाधोपुर. जिले में दीपावली सीजन में मिष्ठान की दुकानों में परोसा गया मीठा और मावा से निर्मित कई सामग्री लोगों के लिए बेहद खतरनाक साबित हुई है। हालात ये है कि पिछले दिनों शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के लिए 22 दिनों में लिए कुल 66 नमूनों में से 16 नमूने फेल हो चुके है। इसका खुलासा गत दिनों जयपुर की प्रयोगशाला से जांच के बाद आई रिपोर्ट में हुआ है।
जिले में त्योहारी सीजन में 14 अक्टूबर से 4 नवम्बर तक शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाया गया था। खाद्य सुरक्षा टीम ने जिले से कुल 66 नमूने संकलित किए थे। लेकिन इन 50 सैंपल में से 16 सैंपल लेब जांच में फेल हुए है, जबकि 10 सैंपलों की रिपोर्ट आना शेष है और 40 सैंपल पास हुए है। उधर, सरकार के निर्देशों पर केवल त्योहारी सीजन में ही यह अभियान चलाया जाता है और उसमें भी नाममात्र के नमूने लिए जाते है। दूसरी ओर यदि सैपलिंग का दायरा नियमित हो तो इससे कई गुना अधिक मिलावट का खेल सामने आ सकता है।
22 दिन से रिक्त खाद्य सुरक्षा अधिकारी का पद रिक्त
जिले में 22 दिन से खाद्य सुरक्षा अधिकारी का पद रिक्त है। उल्लेखनीय है कि 10 नवम्बर को खाद्य सुरक्षा अधिकारी प्रेमचंद जैन को गंगापुरसिटी में एक परिवादी से 10 हजार रुपए की रिश्वत लेने के प्रकरण में दौसा से आई एसीबी टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने एक दुकानदार पर कार्रवाई नहीं करने की एवज में 20 हजार रुपए मांगे थे लेकिन 10 हजार रुपए में सौदा तय हुआ। इसके बाद परिवादी ने खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा 10 हजार रुपए मांगने की शिकायत की थी। बाद में एसीबी ने प्रकरण का सत्यापन कराया और खाद्य सुरक्षा अधिकारी को रंगे हाथा दबोचा।
अभियान में भी की थी खानापूर्ति
जिले में शुद्ध के लिए युद्ध अभियान 14 अक्टूबर को शुरू हुआ था। लेकिन इसमें भी महज खानापूर्ति ही की गई। तत्कालीन खाद्य सुरक्षा अधिकारी पीसी जैन ने जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में अभियान के दौरान नमूने लेने में महज खानापूर्ति ही की। दीवाली के सीजन में कई बड़े प्रतिष्ठानों पर तो कार्रवाई तक नहीं की थी। खाद्य सुरक्षा अधिकारी बड़ी प्रतिष्ठानों को छोड़कर कुछेक दुकानों पर ही सैंपल लेकर औपचारिता करते रहे। ये ही वजह है कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी अभियान के कुछ दिन बाद ही एसीबी के हाथो ट्रेप हुए।
अभियान का बढ़े दायरा
खाद्य पदार्थों की शुद्धता बनाए रखने और गुणवत्ता की जांच के लिए शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाया जाता है। यह अभियान अक्सर होली, दीवाली जैसे प्रमुख त्योहारों पर ही प्रमुखता से चलता है। इस अवधि में लिए जाने वाले सैंपल भी सीमित ही होते है, लेकिन इसके बाद भी मिलावट की पुष्टि होती है। सीधे तौर पर इस अभियान का दायरा बढ़ाते हुए माह में सैंपलिंग के दिन तय कर दिए जाएं तो लगातार होने वाली सैंपलिंग के भय से मिलावट की आशंका पर और अधिक विराम लग सकेगा। साथ ही लोगों को गुणवत्ता युक्त खाद्य सामग्री और खाद्य पदार्थ मिल सकेंगे।
रिपोर्ट आने का 14 दिन का है प्रावधान
जिले से लिए गए खाद्य पदार्थों के सैंपल जयपुर प्रयोगशाला में भेजे जाते है। इसके अंतर्गत 14 दिन में रिपोर्ट आने का प्रावधान है। लेकिन कई बार तो 40 दिन में रिपोर्ट मिलती है। ऐसे में त्योहार ही निकल जाता है और आमजन मिठाई तक खा जाता है।
फैक्ट फाइल
– जिले में 22 दिन चला था शुद्ध के लिए युद्ध अभियान
-14 अक्टूबर से 4 नवम्बर तक चला था अभियान
– कुल लिए नमूने-66
-फेल हुए नमूने-16
-इतने सैंपलों की रिपोर्ट आना बाकी-10
-10 नवम्बर को खाद्य सुरक्षा अधिकारी को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथो पकड़ा।
-22 दिन से खाद्य सुरक्षा अधिकारी का पद खाली।
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इनका कहना है
शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत जो सैंपल अनसेफ पाए गए है, वे सीजेएम कोर्ट में लगेंगे। वहीं सब स्टैण्डर्ड व मिस ब्रांड के सैंपल एडीएम कोर्ट में लगेंगे।
डॉ.तेजराम मीणा, सीएमएचओ, सवाईमाधोपुर
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