सरकार ने यह फेरबदल ओवरलोड पर अंकुश लगाने के लिए किया है। बावजूद इसके ट्रांसपोर्टर ओवरलोड वाहन चलाएंगे तो उनकी गाड़ी में अंडरलोड से अतिरिक्त भार पर प्रति टन दो हजार रुपए का चालान व पांच हजार रुपए का जुर्माना वसूला जाएगा। आरटीओ ऑफिस में नई आरसी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ग्रास वेट बढ़ाने पर वाहन संचालकों को अपनी पुरानी आरसी जमा करवाकर नई आरसी के लिए आवेदन करना होगा। इसकी फीस भी निर्धारित की गई है। नई आरसी स्मार्ट चिप जैसी है। इस आरसी में ग्रोस वेट नोट होगा।
ओवरलोड वाहन बनते है आफत
ओवरलोड वाहनों के चालान में सामने आया है कि क्षमता से बढ़कर 15-20 टन ओवरलोड वाहन चलते है। जिलेभर में टूट रही सड़कों को ध्यान में रखते हुए भी ऐसा किया है। पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर बताते है कि क्षमता से अधिक सामान लेकर चलने के कारण सड़क निर्धारित समय से पहले क्षतिग्रस्त हो रही है। पुलिस कहती है कि ओवरलोड वाहन जल्दी दुर्घटनाग्रस्त होते है। विशेषज्ञों की माने तो वाहन की भार क्षमता वाहन निर्माता जांच कर तय करता है। एआईआई जैसी संस्थाओं से इसका सर्टिफिकेशन कराया जाता है। वहीं सरकार भी वाहनों का भार क्षमता तय करती है। रजिस्ट्रेशन के समय जो कम होता है, उतने भार को उठाने के लिए वाहन को सही मानते हुए रजिस्टर्ड किया जाता है।
अब ये रहेगी वाहनों की भार क्षमता टायर पहले अब
6 16 18.5
10 25 28
12 31 35
14 35 39
18 40 45
22 49 55
(भार क्षमता टन में)
नए आदेशों की पालना की जा रही है। सरकार की जारी अधिसूचना के बाद भी ओवरलोड पकड़ा गया तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। नई आरसी के लिए आवेदन लिए जा रहे है।
पीआर जाट, जिला परिवहन अधिकारी, सवाईमाधोपुर