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सवाई माधोपुर

पीपीपी के शोर में जिले की सेहत ‘कोमा’ में

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सवाई माधोपुरJan 03, 2019 / 11:11 am

adrish khan

health mudda hanumangarh

पीपीपी के शोर में जिले की सेहत ‘कोमा’ में

पीपीपी के शोर में जिले की सेहत ‘कोमा’ में
– पांच साल में नहीं खुले नए उप स्वास्थ्य केन्द्र
– प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भी खुले सिर्फ चार, मांग की अनदेखी
अदरीस खान.हनुमानगढ़. जिले की सेहत पिछले पांच बरस से ‘कोमा’ में है। नए उप स्वास्थ्य केन्द्र खोलकर आमजन को सहजता से चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में सरकारी कदम आगे नहीं बढ़े हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को लेकर भी स्थिति ज्यादा ठीक नहीं है। बढ़ती आबादी के बीच लोगबाग नए अस्पताल खोलने व उनको क्रमोन्नत करने की मांग निरंतर करते रहते हैं। मगर बीते पांच बरस के दौरान नए स्वास्थ्य केन्द्रों के लिहाज से जिले की चिकित्सा व्यवस्था ‘आईसीयू’ में रही है।
सरकारी चिकित्सालयों के भवन व आवासीय निर्माण को लेकर जरूर स्थिति बेहतर रही है। जिले की चिकित्सा व्यवस्था के लिहाज से अगर गत दस वर्षों की उपलब्धियों पर नजर डालें तो यह स्थिति नजर आएगी कि 2008 से 2013 की अवधि नए चिकित्सा केन्द्र खोलने व क्रमोन्नत करने के लिहाज से काफी अच्छी रही। हालांकि 2013 से 2018 के बीच का समय अस्पतालों के भवन निर्माण के हिसाब से ठीक रहा। पिछली कांग्रेस सरकार का ज्यादा ध्यान गांव व कस्बों में अस्पताल खोलने पर रहा। साथ ही उसने भवन निर्माण भी करवाए। मगर हाल ही विदा हुई भाजपा सरकार ने नाममात्र के अस्पताल ही क्रमोन्नत किए।
भाजपा सरकार में कितने
आंकड़ों पर नजर डालें तो दिसम्बर 2013 से नवम्बर 2018 तक भाजपा सरकार के दौरान जिले में केवल एक ही नया उप स्वास्थ्य केन्द्र खोला गया। जबकि एक भी उप स्वास्थ्य केन्द्र को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में क्रमोन्नत नहीं किया गया। इसी तरह नए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भी सिर्फ चार ही खोले गए। दो प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द ही सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में क्रमोन्नत किए गए।
कांग्रेस सरकार में कितने
दिसम्बर 2008 से नवम्बर 2013 तक कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में गांव-ढाणियों में खूब स्वास्थ्य केन्द्र खोले गए। जिले में 101 नए उप स्वास्थ्य केन्द्र खोले गए। यद्यपि उप स्वास्थ्य केन्द्र से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में क्रमोन्नयन एक भी नहीं किया गया। नए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के मामले में भी स्थिति बेहतर रही। कुल 21 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापना की गई। जबकि चार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का क्रमोन्नयन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में किया गया।
भवन निर्माण में आगे
स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन निर्माण के दृष्टिकोण से भाजपा का कार्यकाल बेहतर रहा। दिसम्बर 2013 से 2018 के बीच 34 उप स्वास्थ्य, 10 प्राथमिक स्वास्थ्य तथा एक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का भवन निर्माण हुआ। वहीं दिसम्बर 2008 से 2013 के मध्य कांग्रेस कार्यकाल में 9 उप स्वास्थ्य व 15 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन बनाए गए। जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन निर्माण की स्थिति शून्य रही।
बेड में बुरा हाल
सरकारी अस्पतालों में बेड संख्या की बढ़ोतरी में भी पिछले पांच साल में स्थिति खराब रही। दिसम्बर 2013 से 2018 के बीच राजकीय अस्पतालों में सिर्फ 54 बेड ही बढ़ाए गए। जबकि दिसम्बर 2008 से 2013 के मध्य 323 बेड बढ़ाए गए।
दिसम्बर 2008 से 2013 के बीच
नए सब सेंटर खुले – 101
नए पीएचसी खुले – 021
पीएचसी में क्रमोन्नत – 00
सीएचसी में क्रमोन्नत – 04
बेड संख्या में बढ़ोतरी – 323
दिसम्बर 2013 से 2018 के बीच
नए सब सेंटर खुले – 01
नए पीएचसी खुले – 04
पीएचसी में क्रमोन्नत – 00
सीएचसी में क्रमोन्नत – 02
बेड संख्या में बढ़ोतरी – 054
पीटूसी : अदरीस खान।

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