आवक पर एक नजर
मंडी सूत्रों के अनुसार गेंहू की 13 सितम्बर को 591 कट्टे, 12 सितम्बर को 154 कट्टे, 11 सितम्बर को 683 कट्टे तथा 10 सितम्बर को 474 कट्टों की आवक हुई थी। इसी प्रकार बाजरा के 13 सितम्बर को 22 कट्टे, 12 सितम्बर को 9 कट्टे, 11 सितम्बर को 17 कट्टे तथा 10 सितम्बर को 6 कट्टों की आवक रही। वहीं चना की 13 सितम्बर को 54 कट्टे, 12 सितम्बर को 37 कट्टे, 11 सितम्बर को 58 कट्टे तथा 10 सितम्बर को 141 कट्टे की आवक हुई थी। इसी तरह सरसों के 13 सितम्बर को 449 कट्टे, 12 सितम्बर को 359 कट्टे, 11 सितम्बर को 1270 कट्टे तथा 10 सितम्बर को 249 कट्टे आए थे। इसके चलते व्यापारी नई फसल तैयार होकर मंडी में आने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
…तो आएगी जल्द
मानसून के साथ ठंडे हुए कारोबार के परवान चढऩे का व्यापारी इंतजार कर रहे हैं। व्यापारियों के अनुसार फिलहाल आवक कम है, लेकिन नई फसल का समय नजदीक आ गया है। बारिश का दौर थमा तो एक सप्ताह में बाजरा सहित अन्य जिंसों की आवक शुरू हो सकती है। बारिश जारी रही तो नई फसल आने में एक पखवाड़े का समय लग सकता है।
यहां से होती है आवक
शहर की मंडी कारोबार के चलते विशिष्ठ श्रेणी में शामिल है। यहां स्थानीय उपज के अलावा नादौती, सपोटरा, बामनवास, बाटोदा एवं कुडग़ांव आदि क्षेत्रों से भी किसान अपनी उपज को बेचने के लिए लाते हैं। ऐसे में मंडी को मंडी शुल्क के रूप में राजस्व की काफी आय होती है। आय के आधार पर ही मंडी को विशिष्ठ श्रेणी का दर्जा मिला है।
आवक कम है
बारिश के चलते फिलहाल आवक कम है। मौसम खुल जाता है तो एक सप्ताह में नए बाजरा व तिल की आवक शुरू हो जाएगी। नहीं तो एक पखवाड़ा भी लग सकता है।
– कमलेश गोयल, अध्यक्ष, व्यापार मंडल गंगापुरसिटी