scriptबजट व प्रचार-प्रसार के अभाव में दम तोड़ रही खेतों की मेड़ पर पौधरोपण की योजना | Lack of budget and publicity plans to plant on the ridge of dying fiel | Patrika News
सवाई माधोपुर

बजट व प्रचार-प्रसार के अभाव में दम तोड़ रही खेतों की मेड़ पर पौधरोपण की योजना

बजट व प्रचार-प्रसार के अभाव में दम तोड़ रही खेतों की मेड़ पर पौधरोपण की योजना

सवाई माधोपुरNov 22, 2020 / 07:35 pm

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बजट व प्रचार-प्रसार के अभाव में दम तोड़ रही खेतों की मेड़ पर पौधरोपण की योजना

-खेत की सीमा(मेड)।

सवाईमाधोपुर. प्रदेश को हरा-भरा बनाने, पौधरोपण को बढ़ावा व किसानों की आमदेनी को बढ़ाने के उद्देश्य से भले ही कृषि विभाग ने खेतों की मेड़ पर पौधारोपण की योजना शुरू की हो लेकिन ये बजट व प्रचार-प्रसार के अभाव में योजना धरातल पर दम तोड़ती नजर आ रही है। स्थिति ये है कि जिले के अधिकतर किसानों को जानकारी तक नहीं है। यही वजह है कि कई किसान योजना में आवेदन भी नहीं कर पाए।
दरअसल, करीब दो साल पहले कृषि विभाग ने पशुपालन के साथ आमदनी बढ़ाने को लेकर खेतो की मेड पर छायादार, फलदार, फूलदार पौधे लगाने की योजना शुरू की थी। इस योजना से किसान पशुपालन के साथ खेतों की मेड पर पौधे लगाकर अच्छी आमदनी बढ़ा सकते है। लेकिन कृषि विभाग के अधिकारियों की अनदेखी के चलते योजना सिरे नहीं चढ़ पाई।
50 फीसदी मिलता है अनुदान
योजना के तहत प्रत्येक पंचायत स्तर पर किसानों को अपनी भूमि पर पौधरोपण के लिए 50 फीसदी अनुदान देने का प्रावधान है। कृषि विभाग की मनसा थी कि जिले में कृषि भूमि पर पौधरोपण से कृषि आय बढ़ाना व मृदा में जैविक तत्वों की वृद्धि करना है। अनुदान के लिए क्षेत्र के किसानों को पौधरोपण के लिए आवेदन जिला मुख्यालय पर भेजने थे लेकिन बीते सालों में कृषि विभाग के पास कोई आवेदन नहीं आए है।
ऐसे करना था आवेदन
योजना में शामिल होने के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए जाने थे। इसके तहत आवश्यक दस्तावेज जमाबंदी, खसरा नम्बर, भामाशाह कार्ड, आधार कार्ड, सिंचाई का स्त्रोत, मृदा परीक्षण, सिंचाई जल परीक्षण रिपोर्ट व बचत खाते की कॉपी के साथ आवेदन के 30 दिन में पत्रावली संबंधित अधिकारी के माध्यम से जिला मुख्यालय में जमा होनी थी। इसके लिए लाभान्वित किसान को निर्धारित स्थल का जीयो टेगिंग देना अनिवार्य था।
इन स्थानों पर होता पौधरोपण
किसान अपने खेत की मेड़ पर फलदार, छायादार पौधों के अलावा चारे वाले पौधों की श्रेणी में खेजड़ी, सहजना व बेर आदि लगा सकते हैं। इसके लिए विभाग की ओर से लगाए जाने वाले पौधों की संख्या के आधार पर लागत का 50 प्रतिशत अनुदान किसान को भुगतान देय था। पौधरोपण की लागत से आयुक्तालय से 70 रुपए प्रति पौधे की राशि निर्धारित की थी, जो आगामी चार वर्षों मे 40,20,20, 20 प्रतिशत के अनुपात में भुगतान होना है। इसके लिए कम से कम 50 पौधे लगाने आवश्यक है।
फैक्ट फाइल
-2018 में कृषि विभाग के पास आए आवेदन-100
-2019 में कृषि विभाग के पास आए आवेदन-70
-2020 में ना लक्ष्य आए और ना ही आवेदन।
-पौध रोपण पर मिलना था 50 प्रतिशत अनुदान।
-2 साल पहले शुरू हुई थी योजना।
………………….
इनका कहना है
योजना के तहत शुरूआती दो साल में आवेदन आए थे। इस वर्ष ना तो लक्ष्य आए और ना ही बजट आया है। ऐसे में आवेदन भी नहीं आए है। हालांकि विभाग की ओर से शिविर आयोजित कर प्रोत्साहित व जागरूक किया जाएगा।
चन्द्रप्रकाश बढ़ाया, सहायक निदेशक, कृषि विस्तार सवाईमाधोपुर

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