उन्होंने कहा कि नारी को सहन करना छोडक़र विरोध करना सीखना होगा और खुद सशक्त होकर आगे आना होगा। महिलाएं विश्वास के साथ आगे बढक़र शिक्षा को हथियार बनाएं। इसके बलबूते वे हर बाधा को पार कर सकती हैंं। उन्होंने स्कूल-कॉलेजों में बेटियों में के लिए सेल्फ डिफेंस जैसे कोर्स चलाने एवं इंटरनेट का उपयोग सही दिशा में करने की नसीहत दी। साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों को स्वस्थ रहने के टिप्स भी दिए।
पत्रिका का नहीं कोई सानी – डॉ. अनुज
कॉलेज के निदेशक डॉ. अनुज शर्मा ने कहा कि महिला किसी भी क्षेत्र में कमतर नहीं हैं। महिलाओं के जज्बे और सफलता की कहानियों से इतिहास भरा पड़ा है। ऐसे आयोजनों से पत्रिका महिलाओं के सम्मान में इजाफा कर रही है। डॉ. शर्मा ने कहा कि सामाजिक सरोकारों की कड़ी में पत्रिका का कोई सानी नहीं है।
टॉपर हैं बेटियां – शर्मा
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. कृष्णकांत शर्मा ने कहा कि बेटियों की सफलता की कहानी किसी भी परीक्षा की मैरिट सूची कहती नजर आती हैं। यह सूची उन्हें और अधिक सम्मान की हकदार बना रही हैं। हमें बेटियों के हक का सम्मान दिलाने के लिए पहल करनी होगी। इसके लिए पत्रिका की पहल सराहनीय है।