भाजपा कांग्रेस दोनों ही बाहरी प्रत्याशियों पर खेल रही दावं
इस सीट पर भाजपा एवं कांग्रेस दोनों ही स्थानीय नेताओं को छोड़कर बाहरी प्रत्याशियों पर अपना दाव खेल रही है। इस सीट के पहले चुनाव 2009 में कांग्रेस ने नमोनारायण मीणा को प्रत्याशी घोषित किया था, जोकि सवाईमाधोपुर जिले के बामनवास के निवासी हैं। जबकि भाजपा ने बाहरी प्रत्याशी कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला को चुनाव मैदान में उतारा था। बैंसला ने मीणा को कड़ी टक्कर दी थी। मीणा 317 मतों से ही विजयी हो सके थे। इसके बाद 2014 के चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा की तर्ज पर इस सीट पर स्थानीय नेताओं को तवज्जो नहीं दी। कांग्रेस ने नमोनारायण मीणा का टिकट काट दिया गया था। यहां से पूर्व अजहरूद्दीन को टिकट दिया। वहीं भाजपा ने भी बाहरी प्रत्याशी को ही मैदान में उतारना उचित समझा। उसकी ओर से हरियाणा के सोहना के सुखबीर सिंह जौनापुरिया को मैदान में उतारा। बाहरी एवं पैराशूट प्रत्याशियों के इस मुकाबले में जौनापुरिया कांगे्रस पर भारी पड़े। मोदी लहर में उनको जीत हासिल हुई थी। इस चुनाव में जोनापुरिया ने एक लाख 35 हजार 506 वोट से जीत दर्ज की।
आठ विधानसभा सीटों में किसका बाहुल्य
इस संसदीय सीट के अन्तर्गत आठ विधानसभा सीटें आती है। इनमें टोंक जिले की टोंक, मालपुरा, निवाई व देवली-उनियारा तथा सवाईमाधोपुर जिले की सवाईमाधोपुर, गंगापुरसिटी व खण्डार एवं बामनवास आती है। अगर विधानसभा जातिगत आंकड़ों की बात करें तो टोंक विधानसभा सीट मुस्लिम बाहुल्य है। इसी प्रकार देवली-उनियारा गुर्जर व मीणा वोटर निर्णायक माने जाते हैं। निवाई में अनुसूचित जाति के लोगों का बाहुल्य है। मालपुरा में जाट-गुर्जर वोटरों का अधिक हैं। सवाईमाधोपुर विधानसभा में मीणा व मुस्लिम बाहुल्य है। विधानसभा चुनाव में इन दोनों मतदाताओं की भूमिका निर्णायक रहती है। इसी प्रकार खण्डार में अनुसूचित जाति जाति के मतदाताओं का बाहुल्य है। इस क्षेत्र में गुर्जर व मीणा मतदाता भी बराबर से हैं। गंगापुरसिटी में मीणा व एससी बाहुल्य है। बामनवास में भी मीणा मतदाता निर्णायक स्थिति में रहते हैं।
इस सीट से मोदी के बाद कांग्रेस ने किया चुनावी आगाज
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23 फरवरी को टोंक-सवाईमाधोपुर सीट से ही प्रदेश में लोकसभा चुनाव का आगाज किया था। सभा में बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ी थी। इसे लेकर भाजपाई उत्साहित नजर आए थे। वहीं 14 मार्च को कांग्रेस की ओर से निवाई में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं उप मुख्यमंत्री सचिन पालयट सभा की थी और कार्यकर्ताओं में जोश भरा। कांग्रेस ने भी इसी सभा से लोकसभा चुनाव का आगाज किया था। ऐसे में अब ये सीट हॉट हो गई है।
संसदीय सीट पर मतदाता
कुल मतदाता 19 लाख 38000
मीणा 2.50 लाख
गुर्जर 2.25 लाख
मुस्लिम 1.75 लाख
सामान्य 3.40 लाख
एससी 2.85 लाख
शेष अन्य वर्गों के हैं-
सवाईमाधोपुर जिले चारों विधानसभाओं में भाजपा-कांग्रेस को कितना वोट
वर्ष चुनाव भाजपा कांग्रेस
2013 विधानसभा 215306 143730
(सभी4 सीटें)
2014 लोकसभा 548179 412868
2018 विधानसभा 194738 287398
(0 सीटें) (3 सीटें, 1 निर्दलीय)
टोंक जिले की चारों विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा-कांग्रेस को मिले वोट
चुनाव वर्ष भाजपा कांग्रेस
ष्ठष्ठष्ठ 2013 295636 174644
(सभी4 सीटें)
ष्ठष्ठष्ठ 2018 284057 310364
(1सीट) (3 सीटें)
नोट- कांग्रेस ने मालपुरा विधानसभा क्षेत्र प्रत्याशी नहीं उतारा था। यहां कांग्रेस ने रालोद पार्टी से गठबंधन किया था।
गुर्जर व मीणा जाति के ही बने सांसद
गुर्जर एवं मीणा बाहुल्य मानी जाने वाली इस सीट पर अब तक गुर्जर एवं मीणा जाति के ही सांसद निर्वाचित हुए हैं। क्योंकि आठ विधानसभाओं में दोनों जाति के मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या है।