रणथम्भौर: फिर इलाके को लेकर भिड़ी मां-बेटी
रणथम्भौर: फिर इलाके को लेकर भिड़ी मां-बेटी
सवाई माधोपुर•Nov 16, 2021 / 12:37 pm•
Subhash
सवाईमाधोपुर रणथम्भौर में आमने सामने होती मां बेटी।
सवाईमाधोपुर.रणथम्भौर में बाघों का कुनबा बढऩे के साथ ही बाघ-बाघिनों में इलाके को लेकर जंग के मामले भी बढ़ गए है। पूर्व में जहां इलाके को लेकर बाघिन टी-84 यानि ऐरोहेड और उसकी बेटी रिद्धि तथा बाघिन ऐरोहेड की देानों बेटियों रिद्धि व सिद्धि के बीच जंग के मामले सामने आ चुके है। वहीं अब रणथम्भौर के जोन 6 में बाघिन टी-8 यानि लाड़ली और उसकी बेटी टी-127 के बीच भी इलाके को लेकर जंग शुरू हो गई है। मंगलवार सुबह की पारी में भ्रमण पर गए पर्यटकों ने बाघिन लाडली व उसकी बेटी टी-127 के बीच इलाके को लेकर होती हुई जंग को देखा। कई पर्यटकों ने इस नजारे को कैमरे में भी कैद किया।
अनुमति फिर भी शिफ्टिंग नहीं
पूर्व में बाघिन रिद्धि व सिद्धि और रिद्धि तथा बाघिन ऐरोहेड के बीच में संघर्ष की घटनाएं बढऩे के बाद नेशनल टाइगर कन्जर्वेशन ऑथोरिटी(एनटीसीए) की ओर से बाघिन रिद्धि को सरिस्का शिफ्ट करने की अनुमति दे दी गई थी। लेकिन पांच माह बीतने के बाद भी अब तक बाघिन को सरिस्का शिफ्ट नहीं किया गया है। इस संबंध में वन विभाग का तर्क है कि अब तक राज्य सरकार से बाघिन शिफ्टिंग की अनुमति नहीं आई है। अब एक बार फिर वन विभाग की ओर से बाघिन शिफ्टिंग को लेकर पुन:विचार की मांग की गई है।
क्षमता से अधिक है बाघ
रणथम्भौर बाघ परियोजना में वर्तमान में 77 से अधिक बाघ-बाघिन विचरण कर रहे है, जबकि विशेषज्ञों की माने तो यहां पर महज 50 बाघ-बाघिनों केलिए ही उपयुक्त स्थान है। ऐसे में बाघों की संख्या बढऩे के साथ बाघ-बाघिनों के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो रही है।
लाडली के चौथे लिटर की संतान है टी-127
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बाघिन टी-127 बाघिन लाडली के चौथे लिटर की संतान है। बाघिन की उम्र करीब दो साल है। बाघिन टी-127 व बाघिन लाडली वर्तमान में रणथम्भौर के जोन छह के पाली दरवाजा, कालेखेत, दमदमा, सारन के पठ़्ठे, हाई प्वांइट आदि इलाकों में विचरण कर रही है। हालांकि अब जल्द ही दोनों में से किसी एक को इलाका छोडऩा होगा। बाघिन लाडली के करीब 14 साल की होने के कारण बाघिन लाडली के इलाका छोडऩे के आसार जताए जा रहे हैं।
इनका कहना है….
मैं अभी बाहर हूं ऐसे में मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है, हालांकि बाघिन लाडली की बेटी टी-127 अब जवान हो रही है। ऐसे में वह मां से अलग टेरेटरी बनाना चहाती है। ऐसे में संघर्ष की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। हांलाकि वाइल्ड लाइफ में यह एक सामान्य प्रक्रिया है।
– एसएन सारस्वत, क्षेत्रीय वनाधिकारी, आरओपीटी, रणथम्भौर।
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