सुल्ताना ने देर रात डाला हैलीपेड पर डेरा, लोगों ने उसके पीछे दौड़ाई गाडिय़ां
सुल्ताना ने देर रात डाला हैलीपेड पर डेरा, लोगों ने उसके पीछे दौड़ाई गाडिय़ांलोग सूचना देते रहे, लेकिन वनाधिकारियों ने फोन तक नहीं उठायासवाईमाधोपुर. रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान में बाघों के जंगल से बाहर आने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रही है। सुबह एक बाघ रणथम्भौर के गणेश मंदिर मार्ग पर आ गया था।
सुल्ताना ने देर रात डाला हैलीपेड पर डेरा, लोगों ने उसके पीछे दौड़ाई गाडिय़ां
सुल्ताना ने देर रात डाला हैलीपेड पर डेरा, लोगों ने उसके पीछे दौड़ाई गाडिय़ां
लोग सूचना देते रहे, लेकिन वनाधिकारियों ने फोन तक नहीं उठाया
सवाईमाधोपुर. रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान में बाघों के जंगल से बाहर आने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रही है। सुबह एक बाघ रणथम्भौर के गणेश मंदिर मार्ग पर आ गया था। वहीं रात को रणथम्भौर की बाघिन टी 107 यानी सुल्ताना रणथम्भौर रोड स्थित शेरपुर हैलीपेड के पास तलाई पर आ गई। रात करीब 11 बजे तक वहीं डेरा डाले रही। जानकारी के अनुसार बाघिन वन विभाग की सुरक्षा दीवार को फांदकर हैलीपेड तक जा पहुंची। वहां उसने किसी जानवर का शिकार भी किया। बाघिन को देखने के लिए वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई। पर्यटकों सहित अन्य लोगों ने बाघिन को देखने के लिए गाडिय़ां भी दौड़ाई।
मौके पर नहीं पहुंचे अधिकारी
जानकारी के अनुसार लोगों ने इस बारे में वन विभाग को भी सूचना दी, लेकिन वन विभाग की टीम और कोई भी अधिकारी घंटों तक मौके पर नहीं पहुंचा। रात 11 बजे तक होटल वाले व पर्यटकों की गाडिय़ां वहां जमी रही।
पहले भी आ चुकी है बाहर
यह पहला मौका नहीं है कि जब बाघिन सुल्ताना जंगल से निकलकर रणथम्भौर रोड पर आई है। इससे पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है। एक बार सुल्ताना ने रणथम्भौर रोड स्थित एक बाग में डेरा डाल लिया था। तब भी वन विभाग की टीम को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी।
केपशन- सवाईमाधोपुर. रणथम्भौर नेशनल पार्क की दीवार पर बैठी बाघिन।