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सवाई माधोपुर

तेज धूप ने फेरा किसानों के अरमानों पर पानी, दिन का तापमान पहुंचा 38 डिग्री…

जिले में 1.70 लाख किसान करते हैं सरसों की बुवाई, लक्ष्य के मुताबिक अब तक केवल 490 हैक्टेयर में ही हो सकी बुवाई

सवाई माधोपुरOct 12, 2017 / 12:20 pm

Shubham Mittal

sawaimadhopur

भगवतगढ़ में एक खेत में पाइप लगाकर सिंचाई करता किसान।

सवाईमाधोपुर. किसानों की खरीफ की फसल तो अल्पवृष्टि व रोग से खराब हो गई। इसके बाद किसानों को रबी की फसल अच्छी होने की उम्मीद बंधी थी, लेकिन दिन में पड़ रही तेज गर्मी ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया। आलम ये है कि दिन का तामपान 38 डिग्री होने के कारण करीब एक लाख 70 हजार किसान सरसों की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं। इधर, देरी से बुवाई होने पर उसमें कीट लगने की संभावना अधिक रहती है।



जानकारी के अनुसार अक्टूबर माह में अमूमन तापमान 30 डिग्री के आस-पास ही रहता था, लेकिन इस बार अल्प बारिश से दिन के तापमान में लगातार उतार-चढ़ाव आ रहा है। पिछले आठ साल में पहली बार दिन का तापमान 39 डिग्री तक पहुंचा है। वर्तमान में दिन का तापमान 36 व 38 डिग्री के बीच ही चल रहा है। इधर, दिन का तापामन 30 डिग्री से कम रहने पर ही किसान सरसों की बुवाई कर सकते हैं। कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक सरसों की बुवाई 15 सितम्बर से 15 अक्टूबर के बीच होती है।




अब तक हुई बुवाई
कृषि विभाग के मुताबिक अब तक जिले में लक्ष्य के मुताबिक केवल 390 हैक्टेयर क्षेत्र में ही रबी फसल की बुवाई हो सकी है। इनमें सरसों की 225 हैक्टेयर, चना 120 हैक्टेयर एवं सब्जी व अन्य फसलों की 45 हैक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हुई है।



16 हजार हैक्टेयर भूमि में होनी थी बुवाई
कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इस बार जिले में 16 हजार हैक्टेयर भूमि में सरसों की बुवाई होनी थी। जिले में करीब एक लाख 70 हजार किसान सरसों की बुवाई करते हैं, लेकिन तापमान अधिक होने से अभी नाममात्र की ही सरसों की बुवाई हुई है। तापमान अधिक होने से खेतों की नमी समाप्त हो रही है। ऐसे में किसानों को सिंचाई करनी पड़ रही है। जिन किसानों के पास सिंचाई का साधन नहीं है। वे किसान अब सरसों की बुवाई नहीं कर पाएंगे।



पिछले एक सप्ताह का तापमान तिथि तापमान
4 अक्टूबर 39 डिग्री
5 अक्टूबर 36 डिग्री
6 अक्टूबर 36 डिग्री
7 अक्टूबर 37 डिग्री
8 अक्टूबर 36 डिग्री
9 अक्टूबर 37 डिग्री
10 अक्टूबर 38 डिग्री


ये है रबी फसल बुवाई का लक्ष्य
कृषि विभाग अधिकारियों के मुताबिक जिले में गेहूं की बुवाई 74 हजार, जौ दो हजार, सरसों 16 हजार, तारामीरा दो हजार, चना 15 हजार एवं चारा-सब्जी व अन्य फसलें का 11 हजार हैक्टेयर भूमि में बुवाई का लक्ष्य है। सरसों में बुवाई का समय निकल जाने के बाद अब काश्तकार चने की बुवाई अधिक करेगा। किसानों को बाजार में चने के दाम अच्छे मिल रहे हैं। किसानों के पास सरसों की फसल का विकल्प चना ही है।




उत्पादन पर पड़ेगा असर
इस बार रबी फसल की बुवाई देरी से होने से उत्पादन पर असर पड़ेगा। कम बारिश से जिले के तालाब, कुएं, बावड़ी, नदी-नाले सूखते जा रहे है। इससे किसानों को सरसों, गेहूं, चना, सब्जियों व चारे जैसे फसलों में सिंचाई की आवश्यकता पड़ रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर कुओं में पानी के कगार पर है, इससे किसान अब तक बुवाई नहीं कर पा रहे है।



किसानों को दे रहे हैं सलाह
तापमान अधिक होने से सरसों की बुवाई नहीं हो रही है। दिन का तापमान 28 से 30 डिग्री होने पर ही किसानों को सरसों की बुवाई करनी चाहिए। जो किसान बुवाई कर रहे उनको सरसों के उगते ही 1.5 प्रतिशत क्यूनालफास 25 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर क्षेत्र में बुरकाव करना चाहिए।
मोहनलाल भटेश्वर, उपनिदेशक, कृषि विस्तार सवाईमाधोपुर
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