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सवाई माधोपुर

VIDEO वन्यजीव विशेषज्ञों ने जताई बाघ चयन को लेकर आपत्ति

रणथम्भौर में एक बार फिर अटकी बाघ शिफ्टिंग गर्मी व बाघ चयन को लेकर बन रहा असमंजस वन विभाग ने कुछ दिनों के लिए टाली प्रकिया

सवाई माधोपुरApr 06, 2019 / 10:41 am

rakesh verma

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सवाईमाधोपुर. रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान से बाघ की शिफ्टिंग का कार्य एक बार फिर लटकता नजर आ रहा है। वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वन विभाग की ओर से गर्मी के कारण एक बार फिर से रणथम्भौर में शिफ्टिंग की प्रक्रिया ठण्डे बस्ते में जा सकती है हालांकि अभी वन विभाग के अधिकारी इस मामले में कोई पुख्ता पुष्टि नहीं कर रहे हैं लेकिन सूत्रों के अनुसार विभाग की मंशा अभी कुछ दिनों के लिए श्िफ्टिंग की प्रक्रिया को टालने की है। वहीं सूत्रों की माने तो रणथम्भौर में बाघ चयन को लेकर भी कुछ वन्यजीव विशेषज्ञों ने भी आपत्ति दर्ज की है। इसके बाद वन विभाग फिलहाल बाघ शिफ्टिंग की प्रक्रिया रोक दी है।
बाघ चयन को लेकर उच्च अधिकारियों को भेजा मेल
सूत्रों के अनुसार वन विभाग ने सरिस्का भेजने के लिए बाघ चिह्नित कर लिया था और वन विभाग की टीम बाघ की ट्रैकिंग में भी जुट गए थे। लेकिन रणथम्भौर के पीसीसीएफ को शि$िफ्टंग के लिए चिह्नित किएगए बाघ के चयन परी आपत्ति जताई है। कुछ वन्यजीव विशेषज्ञों ने बाघ चयन को लेकर रणथम्भौर के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को आपत्ति भरा ई मेल भेजा है।
यह है मेल में
सूत्रों के अनुसार वन्यजीव विशेषज्ञों की ओर से भेजे गए मेल में रणथम्भौर में टी-64 बाघ का चयन करने पर आपत्ति दर्ज की है। वन्य जीव विशेषज्ञों का कहना है कि टी-64 रणथम्भौर में पहले से ही व्यवस्थित तरीके से रह रहा है। ऐसे में उसे शिफ्ट करना ठीक नहीं होगा। इसकी जगह कई ऐसे बाघ है जो टेरेटरी की तलाश कर रहे है उनमें से किसी को भेजना उचित होगा।
गर्मी भी बन रही है बाधा
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बाघ शिफ्टिंग में गर्मी सबसे बड़ी बाघ बन सकती है। वन्यजीव विशेषज्ञों की माने तो बाघ को ट्रेकुंलाइज करने में बाघ के शरीर के तापमान में काफी वृद्धि हो जाती है। ऐसे में गर्मी के समय में बाघ को टे्रकुंलाइज करने में ख्रतरा बना रहता है ऐसे में विभाग फिलहाल शिफ्टिंग से बचना नजर आ रहा है।
वन विभाग का यह है तर्क
वन विभाग की टीम रणथम्भौर में शिफ्टिंग के लिए चिह्नित बाघों की लगातार मॉनिटरिंग कराकर बाघों की गतिवधियोंं का लगातार आंकलन कर रही है। विभाग की टीम अब यह देख रही है कि उनके द्वारा चिह्नित किए गए बाघों में से सबसे ज्यादा प्रेशर जोन में कौनसा बाघ विचरण कर रहा है। कौनसे जवान बाघ को टेरेटरी को लेकर अधिक खतरा है और कौनसा बाघ अन्य बाघों व शावकों के लिए निकट भविष्य में खतरा बन सकता है। इसका आंकलन करने के बाद ही रणथम्भौर से बाघ शिफ्ट किया जाएगा।
पहले भी अटक गई थी श्िफ्टिंग
रणथम्भौर में बाघ बाघिन शिफ्टिंग का कार्य एक बार पहले भी अटक चुका है। पूव में रणथम्भौर में मुकुंदरा में फरवरी 2018 तक ही बाघ को शिफ्ट किया जाना प्रस्तावित था लेकिन तब तक बाघ को शिफ्ट नहीं किया जा सका। इसका कारण एनटीसीए की ओर से शिफ्टिंग की अनुमति नहीं मिलना था। इसके बाद सरकार की ओर से बाघ शिफ्टिंग की डेडलाइन 31 मार्च निर्धारित की गई थी। लेकिन तब भी अप्रेल2018 में रामगढ से टी-91 को बिना एनटीसीए की अनुमति के ही शिफ्ट कियागया था। इसके बाद पहली बाघिन को मुकुंदरा शिफ्टकरने में भी देरी हो गई थी।
प्री बेस के लिए टीम दिल्ली रवाना
उधर मुकुंदरा में भी बाघिन शिफ्टिंग में देरी होने की संभावना है। वन विभाग की ओर से पहले सरिस्का में बाघ को शिफ्ट किया जाएगा। इसके बाद ही मुकुंदरा में बाघिन भेजी जाएगी। लेकिन मुकुंदरा में गत दिनों आग लगने के बाद अभी बाघिन शिफ्टिंग की प्रक्रिया भी धीमी हो गई है। हालांकि मुकुंदरा में शिफ्टिंग को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है। इसके लिए मुकुंदरा से वन विभाग की एक टीम प्री बेस से सांभर व चीतल लाने के लिए दिल्ली रवाना हो चुकी है।
इनका कहना है….
रणथम्भौर में सरिस्का भेजने के संबंध में वन्यजीव विशेषज्ञों ने मेल पर आपत्ति दर्ज कराई है मैने किसी भी बाघ के चयन के लिए अनुमति नहीं दी है। ऐसे में फिलहाल बाघ शिफ्टिंग को टाल दिया गया है। अब एक बार फिर से बाघ का चयन किया जाएगा।
– अरविंद तोमर, पीसीसीएफ, जयपुर।
रणथम्भौर से बाघ शिफ्टिंगकी प्रक्रिया गर्मी व बाघ चयन को लेकर रोकी गई है। इसके कुछ दिन आगे बढ़ाया गया है। सरिस्का में बाघ भेजने के बाद ही मुकुंदरा में बाघिन भेजी जाएगी।
– मुकेश सैनी, उपवन संरक्षक, रणथम्भौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर।
बाघ शिफ्टिंग में कई कारणों से देरी हो रही है। मैं तो वापस अलवर आ गया हूं। अब कब शिफ्टिंग होगी इसके बारे में फिलहाल कुछ नहीं कह सकता।
– घनश्याम शर्मा, सीसीएफ, सरिस्का बाघ परियोजना, अलवर।
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