बालिकाओं को जागरूक करेगी महिला कांस्टेबल व अध्यापिकाएं
बालिकाओं को जागरूक करेगी महिला कांस्टेबल व अध्यापिकाएं
सवाई माधोपुर•Oct 13, 2020 / 08:14 pm•
Subhash
सवाईमाधोपुर जिला कलक्ट्रेट सभागार में पत्रकार वार्ता में मौजूद जिला कलक्टर-एसपी व अन्य।
सवाईमाधोपुर. महिलाओं व बाल अपराध रोकथाम के लिए सरकारी एजेंसियों व एनजीओ की मदद से जिले में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसमें महिला कार्मिकों की मुख्य भूमिका रहेगी। इसमें स्कूली बालक-बालिकाओं को इस अभियान में जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं को एएनएमए आशा सहयोगिनी, महिला कांस्टेबल, महिला अध्यापक पॉस्को एक्ट के प्रावधान के बारे में बताएगी। किसी भी प्रकार के अपराध पर हेल्पलाइन 1098 या पुलिस थाने को फोन करने व माता-पिता को बेझिझक घटना की जानकारी देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। लड़कों को भी इसी प्रकार पॉक्सो एक्ट के बारे में जागरूक किया जाएगा। ऐसे प्रकरण में किसी ऐसे व्यक्ति जो बाद में अपराधी या विधि से संघर्षरत बालक घोषित हो गया, को पैसा देना, बाइक देना, लिफ्ट देना, अपना मोबाइल यूज करने देना आपका कॅरियर बर्बाद कर सकता है। सभी विद्यालयए पुलिस थानों को सक्रिय कर कुछ ग्राम पंचायतों का क्लस्टर बनाया जाएगा। इससे पहले जिला कलक्ट्रेट सभागार में पत्रकार वार्ता में जिला कलक्टर नन्नूमल पहाडिय़ा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोपाल सिंह कानावत, एसडीएम कपिल शर्मा, उप अधीधक ओमप्रकाश सोलंकी, सहायक निदेशक अभियोजनए मंजू दुबे, आरसीएचओ कमलेश मीणा, अतिरिक्क्त जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम बैरवा और मंजूलता,सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता के सहायक निदेशक कालूराम मीणा ने अभियान के सफल संचालन के लिए उपयोगी सुझाव दिए।
ये विभाग करेंगे जागरूक
बालिकाओं को महिला अधिकारिता विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग के समन्वय से जागरूक किया जाएगा। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बच्चों को समझाया जाएगा कि अपराधी को सजा मिलनी ही चाहिए। इसके लिए सही समय पर अभिभावक या पुलिस को जानकारी देनी होगी। कई बार पीडि़त बच्चे अपने आप को अकेला महसूस करते हैं। ऐसी घटना के लिए अपने को ही जिम्मेदार मानना शुरू कर देते हैं।
गुड टच बैड टच के बारे समझाना होगा
बाल अधिकारिता सहायक निदेशक श्रद्धा गौतम ने बताया कि बच्चों के साथ ही कई अभिभावकों को भी अभी पूरी कानूनी जानकारी नहीं है। बच्चों को बैड टच और गुड टच के बारे में समझाना होगा। जब कोई आपको इस तरह से से टच करे कि उन्हें बुरा लगे या असहज महसूस करें तो यह बैड टच है। कोई भी परिचित या अपरिचित बच्चे के साथ गलत हरकत करे और बोले कि किसी को बताना मत ये और भी बड़ा अपराध है।
इस साल 37 चालान पेश
पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने बताया कि पुलिस पॉस्को एक्ट में दर्ज प्रत्येक प्रकरण को बड़े चैलेंज के रूप में लेती है। 2019 में जिले में इस एक्ट के अन्तर्गत 101 प्रकरण दर्ज हुए। अनुसंधान के बाद इनमें से 73 प्रकरणों में चालान पेश किया गया। 26 प्रकरण झूठे पाए जाने पर एफआर लगा दी। 2 प्रकरण लम्बित हैं। इसी प्रकार 2020 में दर्ज 84 प्रकरणों में से 37 में चालान पेश हुए 12 में एफआर दी गई तथा शेष 35 में अनुसंधान चल रहा है।
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