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सवाई माधोपुर

महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बताया सही, लोगों ने कहा गलत

महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बताया सही, लोगों ने कहा गलत

सवाई माधोपुरSep 28, 2018 / 11:59 pm

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patrika

शिवाड़ घुश्मेश्वार द्वादशवा ज्योर्लिंग।


शिवाड़. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक को असंवैधानिक बताते हुए महिलाओं को मंदिर में प्रवेश देने के निर्देश दिए है लेकिन राजस्थान में दो मंदिर ऐसे है जहां अभी भी वर्षों से मंदिर गर्भगृह में प्रवेश में महिलाओं का प्रवेश वर्जित है। अजमेर के पुष्कर में कार्तिकेय मंदिर एवं सवाईमाधोपुर के शिवाड़ स्थित शिव मंदिर के गर्भगृह में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सवाईमाधोपुर जिले के शिवाड़ कस्बे में स्थित श्री घुश्मेश्वर द्वादशवां शिव मंदिर गर्भ गृह में महिलाओ के प्रवेश वर्जित को लेकर शुक्रवार को मन्दिर पुजारी,गृहणियों, ग्रामीणों और समाजसेवियों प्राचीनकाल से चली आ रही परम्परा से विस्तार से चर्चा कर इतिहास के बारे में जानकारी ली। इस दौरान जहां गृहणियों, महिला श्रद्धालुओं ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए स्वागत किया। वहीं ग्रामीण, समाजसेवियों व युवाओ ने इस फैसले को गलत ठहराया। लोगो का कहना है कि प्राचीन परम्परानुसार मन्दिर में वर्षो से महिला प्रवेश वर्जित है। ऐसे में इस परंपरा को नही तोड़ा जाना चाहिए। समाजसेवियों व अन्य लोगो ने कहा कि वर्षो की यह परम्परा को कायम रखना चाहिए।
ये बोले कस्बेवासी

प्रवेश होना चाहिए
प्रवेश होना चाहिए, सभी को समानता का अधिकार है। अब तक ऐसी मान्यता थी कि महिलाएं मंदिर गर्भ गृह में प्रवेश नहीं करेगी। मंदिर में महिला प्रवेश पर पुराने समय से रोक लगी थी लेकिन अब महिला संगठन जागृत हो चुका है। वह भी आगे आना चाहती है।
-कैलाशचंद पाराशर, मंदिर पुजारी, शिवाड़
आदेशों से सहमत है
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों से सहमत है। मर्यादा के अनुसार महिलाओं का गर्भगृह में प्रवेश होना चाहिए।पुरानी परम्परा अनुसार महिलाओं को मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश वर्जित था लेकिन यदि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है तो महिलाओं प्रवेश पर प्रतिबंध नहीं होना चाहिए।
प्रदीप पाराशर, शिवाड़
प्रवेश वर्जित हो
पुरानी परम्परा चलती आ रही है। पूर्व में एक महिला के गर्भगृह में प्रवेश करने पर बहस भी हो गई थी। इसके बाद से मंदिर में महिलाओं का प्रवेश वर्जित है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद महिलाओं के अंदर प्रवेश वर्जित रहना चाहिए। पुरानी परम्परा को तोडऩा गलत है।
उमा पाराशर, गृहणी, शिवाड़
परम्परा कायम रहे
घुश्मेश्वर मंदिर में प्राचीन काल से चली आ रही परम्परा को कायम रखना चाहिए। रोक नहीं हटना चाहिए।
उदय शर्मा, विद्यार्थी, शिवाड़

रोक ही लगी रहे
महिलाओं को प्रवेश नहीं दिया जाए। पुराने समय से परम्परा चलती आ रही है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद यहां महिलाओं का प्रवेश नहीं होना चाहिए।
रामस्वरूप महावर, समाज सेवी, शिवाड़

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