प्रवेश होना चाहिए, सभी को समानता का अधिकार है। अब तक ऐसी मान्यता थी कि महिलाएं मंदिर गर्भ गृह में प्रवेश नहीं करेगी। मंदिर में महिला प्रवेश पर पुराने समय से रोक लगी थी लेकिन अब महिला संगठन जागृत हो चुका है। वह भी आगे आना चाहती है।
-कैलाशचंद पाराशर, मंदिर पुजारी, शिवाड़
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों से सहमत है। मर्यादा के अनुसार महिलाओं का गर्भगृह में प्रवेश होना चाहिए।पुरानी परम्परा अनुसार महिलाओं को मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश वर्जित था लेकिन यदि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है तो महिलाओं प्रवेश पर प्रतिबंध नहीं होना चाहिए।
प्रदीप पाराशर, शिवाड़
पुरानी परम्परा चलती आ रही है। पूर्व में एक महिला के गर्भगृह में प्रवेश करने पर बहस भी हो गई थी। इसके बाद से मंदिर में महिलाओं का प्रवेश वर्जित है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद महिलाओं के अंदर प्रवेश वर्जित रहना चाहिए। पुरानी परम्परा को तोडऩा गलत है।
उमा पाराशर, गृहणी, शिवाड़
घुश्मेश्वर मंदिर में प्राचीन काल से चली आ रही परम्परा को कायम रखना चाहिए। रोक नहीं हटना चाहिए।
उदय शर्मा, विद्यार्थी, शिवाड़ रोक ही लगी रहे
महिलाओं को प्रवेश नहीं दिया जाए। पुराने समय से परम्परा चलती आ रही है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद यहां महिलाओं का प्रवेश नहीं होना चाहिए।
रामस्वरूप महावर, समाज सेवी, शिवाड़