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स्पेस ट्यूर: चांद पर पहले कदम रखने की कहानी से परिचय कराता है यह स्पेस सेंटर

यहां चंद्रमा तक पहुंचाने की पहली कोशिश को बताने वाली जगह पर अपोलो 17 का कमांड मॉड्यूल और चंद्रमा की एक चट्टान, जिसे छूकर देखने को पर्यटकों को प्रोत्साहित किया जाता है।

जयपुरJul 01, 2020 / 07:45 pm

Mohmad Imran

स्पेस ट्यूर: चांद पर पहले कदम रखने की कहानी से परिचय कराता है यह स्पेस सेंटर

स्पेस ट्यूर: चांद पर पहले कदम रखने की कहानी से परिचय कराता है यह स्पेस सेंटर

मानव इतिहास में शुरू से ही ब्रह्मांड में हमारी रुचि रही है। हमारी गहरी दिलचस्पी का ही नतीजा है कि कभी काल्पनिक लगने वाली स्पेस ट्यूरिज्म जैसी अवधारणाएं आज वास्तविकता के मुहाने पर खड़ी हैं। अमरीकी स्पेस सेंटर, ह्यूस्टन इस दिलचस्पी तथा अंतरिक्ष के प्रति मनुष्यता की इस चाहत का एक जीता-जागता उदाहरण है। हर साल अमूमन यहां 10 लाख से अधिक लोग आते हैं। स्मिथसॉनियन से संबद्धित यहां का म्यूजियम नासा जॉनसन स्पेस सेंटर का आधिकारिक विजिटर सेंटर है। चूंकि यह म्यूजियम स्पेस एंड साइंस एक्सप्लोरेशन लर्निंग सेंटर भी है और यहां देखने और अनुभव करने की 400 से अधिक चीजें हैं, इसलिए यहां हर साल दुनिया भर से 2.50 लाख से भी अधिक शिक्षक और विद्यार्थी आते हैं। यह एक प्रामाणिक ऑटिज्म सेंटर भी है। यह सेंटर समूचे ह्यूस्टन क्षेत्र में सालाना 7.3 करोड़ डॉलर की आर्थिक गतिविधियों का केंद्र है।
स्पेस ट्यूर: चांद पर पहले कदम रखने की कहानी से परिचय कराता है यह स्पेस सेंटर
अंतरिक्ष इतिहास से रुबरु करवाता है सेंटर
यह स्पेस सेंटरए ह्यूस्टन में स्पेस सूट और चंद्रमा की चट्टानों का दुनिया में सबसे बड़ा प्रदर्शित संग्रह है, जो आम लोगों के लिए खुला है। उदाहरण के लिए, इसकी स्टारशिप गैलरी में चंद्र मिशन पर इस्तेमाल किए गए अंतरिक्ष यान और चौंकाने वाले कलात्मक नमूने प्रदर्शित किए गए हैं, जो अंतरिक्ष में मनुष्य की उड़ान के इतिहास की दास्तान बताते हैं। यहां चंद्रमा तक पहुंचाने की पहली कोशिश को बताने वाली जगह पर अपोलो 17 का कमांड मॉड्यूल और चंद्रमा की एक चट्टान, जिसे छूकर देखने को पर्यटकों को प्रोत्साहित किया जाता है। यहां एक फुलसाइज स्काइलैब ट्रेनिंग मॉड्यूल भी है, जिसे सैटर्न फिफ्थ रॉकेट बनाने के आखिरी चरण में अंतरिक्ष में लंबे समय तक टिकने और काम करने की प्रणाली विकसित करने के लिए तैयार किया गया था।
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एस्ट्रोनॉट्स के रोचक तथ्यों को भी दर्शाया है
अंतरिक्ष मिशनों को अंजाम देने वाले एस्ट्रोनॉट्स के जीवन और आदतों से जुड़े रोचक किस्सों को भी यहां संजोया गया है। उदाहरण के लिए, जेमिनी और अपोलो प्रोग्राम के लाइट डायरेक्टर यूजीन क्रेंज अपनी बीवी द्वारा तैयार की गई रंगीन बनियान पहनते थे। उन्हें लगता था कि इससे उनके अभियान कामयाब होंगे। स्पेस सेंटर की वेबसाइट कहती है कि उनकी सफलताओं को देखते हुए, जिनमें अपोलो 13 के तीन अंतरिक्ष यात्रियों की सकुशल वापसी भी शामिल है, उनके बनियानों ने मिशन की सफलता में बड़ी भूमिकाएं निभाईं हैं। क्रेेंज के ऐतिहासिक अपोलो 17 बनियान को स्टारशिप गैलरी की टाइमलाइन में देखा जा सकता है।
स्पेस ट्यूर: चांद पर पहले कदम रखने की कहानी से परिचय कराता है यह स्पेस सेंटर
स्टेम शिक्षा की बढ़ती आवश्यकता को सुलभ बनाने के लिए ह्यूस्टन स्पेस सेंटर अपने शिक्षण के तौर-तरीके को विस्तार दे रहा है, ताकि लोग अंतरिक्ष अभियानों और इनकी विशेषताओं के बारे में समझ सकें। इसने इंटरएक्टिव एक्सपीरियंस के तौर पर एक मुफ़्त मोबाइल फोन एप शुरू किया है। विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध यह एप वर्चुअल टूर, अंतरिक्ष अभियानों से जुड़े अनुभवों और म्यूजियम से संबंधित ताजा जानकारियों के बारे में बताता है। जबकि इसके वीडियो और ऑडियो अंतरिक्ष अभियान की उपलब्धियों और इसके भविष्य के बारे में बताते हैं।

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