फेसबुक ने खबरों की सत्यता की जांच करने वाली वेबसाइट ‘स्नोप्स’ और ‘एपी’ से हाथ मिलाया है। अमरीका में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान चुनाव को प्रभावित करने वाली फर्जी खबरें प्रसारित करने को लेकर आलोचना झेल चुके फेसबुक ने पिछले एक साल में इस दिशा में कई अहम कदम उठाए हैं।
फेसबुक के प्रोडक्ट डायरेक्टर रॉब लीथर्न ने कहा, फेसबुक इससे तीन तरीके से निपटने की कोशिश कर रहा है। पहला फर्जी खबरें पोस्ट करने वालों का आर्थिक लाभ खत्म कर, दूसरा इस तरह की फर्जी खबरों के फैलने की गति धीमी कर और तीसरा इस तरह की फर्जी खबरें सामने आने पर व्यक्ति को उससे जुड़ी और खबरें/सूचनाएं प्रदान कर।
फेसबुक ने कहा है कि फर्जी खबरें प्रसारित करने को लेकर विज्ञापन देने संबंधी यह प्रतिबंध स्थायी नहीं है। फेसबुक का कहना है, अगर किसी पेज पर फर्जी खबरें शेयर करनी बंद कर दी जाती हैं, तो उसे फिर से विज्ञापन मिल सकते हैं।
रूस : आत्महत्या को बढ़ावा देने वाली 23,000 वेबसाइट की पहचान
मास्को। रूस के उपभोक्ता सुरक्षा वॉचडॉग रोस्पोट्रेबनादजोर ने बीते पांच सालों में 23,000 से ज्यादा वेबसाइटों की पहचान की है जो आत्महत्या या ‘कैसे आत्महत्या की जाए’ की सामग्री को बढ़ावा दे रही हैं।
रोस्पोट्रबनादजोर ने मंगलवार को एक बयान में कहा, एक नवंबर 2012 से रोस्पोट्रबनादजोर ने 25,000 से ज्यादा वेबसाइटों की जांच की है और इनमें से 23,700 के बारे में पाया है कि इनमें आत्महत्या करने के तरीके या आत्महत्या की जानकारी दी गई है।
निगरानी समूह ने कहा है कि उसने किशोरों व बच्चों के बीच ऑनलाइन आत्महत्या को बढ़ावा देने वाले समूहों व समुदायों से जानकारी जुटाने के लिए कानून प्रवर्तन के साथ काम किया है।
रूसी सांख्यिकी एजेंसी रोस्टेट के अनुसार रूस में आत्महत्या एक बड़ा सामाजिक मुद्दा है। सरकार ने इस मुद्दे को हल करने के लिए प्रयासों को तेज किया है। इससे आत्महत्या दर लगातार 14 सालों में कम होकर 2015 में 50 सालों में निचले स्तर पर रही।